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टीकमगढ़

यहां वन विभाग के अधिकारियों को नही वन भूमि की जानकारी

वन भूमि को लेकर रेंजर और डिप्टी रेंजर में मतभेद, डीएफओ ने जांच के लिए बनाई टीम

टीकमगढ़Jan 23, 2019 / 08:23 pm

anil rawat

The pond dug on the forest land

The pond dug on the forest land

टीकमगढ़. जतारा जनपद की गोटेट पंचायत द्वारा एक तालाब का निर्माण कराया गया है। बताया जा रहा है कि यह तालाब वन भूमि पर खोदा गया है। जतारा रेंजर भी जहां इसे वन भूमि में खोदा गया तालाब बता रहे है, वहीं डिप्टी रेंजर का मत अलग है और वह इसे राजस्व भूमि में खोदा गया तालाब बता रहे है। ऐसे में मामला डीएफओ के पास पहुंच गया है और उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दिए है।
वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण पूरे जिले में वन भूमि पर अतिक्रमण करने के कई मामले सामने आ रहे है। लोग न केवल वन भूमि पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे है, बल्कि कई जगहों पर लोगों ने पक्के निर्माण भी कर लिए है। वन विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि वन भूमि पर अनेक शासकीय योजनाओं द्वारा भी निर्माण कार्य किए जा रहे है और अधिकारी आंख मूंदे हुए है। ताजा मामला ग्राम पंचायत गोटेट का सामने आया है। यहां पर सरपंच द्वारा वन भूमि पर पंचायत की मद से एक तालाब का निर्माण करा दिया गया है। मामला सामने आने के बाद अब इस क्षेत्र के रेंजर और डिप्टी रेंजर द्वारा इसे लेकर अलग-अलग अभिमत दिए जा रहे है।
यह है मामला: गोटेट में पंचायत द्वारा तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। पंचायत का कहना है कि यह तालाब किसान केशव यादव की जमीन पर बनाया जा रहा है। केशव यादव के दादा के नाम पर इस जमीन का पट्टा है। इस मामले में जतारा अनुभाग के डिप्टी रेंजर का भी यही अभिमत है कि यह जमीन राजस्व की भूमि पर बनाया जा रहा है। जबकि रेंजर का मत इसके विपरीत है। उनका कहना है कि यह तालाब वन भूमि पर निर्मित किया गया है। इस मामले ने यह तो साबित कर दिया है कि वन विभाग के मैदानी अमले को भी यह जानकारी नही है कि आखिर उनकी जमीन की सीमा कहां-कहां तक है। सूत्रों की माने तो यह पूरा मामला अधिकारियों की मिलीभगत का ही है।

वन विभाग की बताई जा रही जमीन: गोटेट में किसान की जमीन बता कर खोदी जा रहे तालाब को पूरी तरह से वनभूमि बताया जा रहा है। सूत्रों की माने तो यह तालाब वन भूमि के कक्ष क्रमांक 240 में खोदा जा रहा है। यहां पर 140 मीटर लंबा एवं 4 मीटर चौड़े तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। सूत्रों की माने तो पूरे क्षेत्र में यही हाल है। सूत्र बताते है कि इसी प्रकार से स्यावनी एवं मातौल में भी वनभूमि पर तालाब बनवाएं गए है। लेकिन इन पर किसी का ध्यान नही है। वनभूमि पर बन रहे तालाब, विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से खोदे जा रहे है। लोगों ने इन पूरे तालाबों की जांच कराकर उनका सत्यापन कराने की मांग की है।
विभाग में हलचल: यह मामला सामने आने के बाद अब विभाग में हलचल शुरू हो गई है। विदित हो कि लंबे समय से जतारा रेंट में इस प्रकार के काम किए जा रहे है। लोगों का कहना है कि यदि अधिकारी यहां की पूरी वनभूमि की जांच कराए तो वन भूमि पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण के अनेक मामले सामने आएंगे। मामला सामने आने के बाद डीएफओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराने की बात कहीं है।
कहते है अधिकारी: इस मामले को मैने अभी ठीक से देखा नही है। इसके लिए एक टीम बनाकर यथास्थिति का पता किया जाएगा। जांच प्रतिवेदन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।- शेखर सिंह, वन मण्डलाधिकारी, टीकमगढ़़।

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