हालांकि इसकी रिपोर्ट राजस्व विभाग से मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद रेडियावास का कैचमेंट एरिया भी खाली कराया जाएगा। इसमें दर्जनों मकान बन गए हैं। कई मकान कैचमेंट एरिया में बन रहे हैं।
शिकायतों पर पहले देते ध्यान तो नहीं आती ऐसी नौबत नगर परिषद में शिकायतों का अम्बार है। लेकिन पिछले पांच सालों में कार्रवाई नहीं हुई। अब राज्य में सरकार बदली है तो कार्रवाई शुरू हुई है। जबकि पिछले पांच सालों में शिकायतों पर ध्यान दिया जाता तो आज यह नौबत नहीं आती।
इसी का नतीजा रहा कि रेडियावास तलाई के कैचमेंट एरिया में कॉलोनी विकसित हो गई। जबकि इस एरिया पर पहले नगर परिषद ने कार्रवाई थी और कॉलोनी नहीं बसने दी। लेकिन तीन साल के अंतराल में वहां कॉलोनी विकसित कर दी गई। इसका नुकसान यह होता है कि बरसात के दिनों में पानी निकास नहीं होता और बावड़ी क्षेत्र में बाढ़ के हालात हो जाते हैं।
नगर परिषद ने गत दिनों जांच कराई तो सामने आया कि कॉलोनियों के एपु्रड करने में भारी गलती की गई है। कनिष्ठ अभियंता की रिपोर्ट के अनुसार पाया गया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 में अनुमोदित कॉलोनियों में 10 प्रतिशत भी आबादी नहीं है।
नोटिस देकर ही इतिश्री नगर परिषद में भले ही गम्भीर गड़बड़ सामने आ रही हो। लेकिन जिम्मेदारों को महज नोटिस देकर ही छोड़ा जा रहा है। ऐसा पहले डाइट रोड पर न्यू विज्ञान नगर कॉलोनी में बिना आबादी के सरसों के खेतों के बीच बिछाई गई 30 लाख 76 हजार रुपए की सीसी सडक़ में सामने आया है।
जहां सहायक अभियंता व अधिशासी अभियंता को महज नोटिस ही जारी किया गया। जबकि मामले में 30 लाख 76 हजार की बड़ी राशि को बिना उपयोग खेतों में बिछाने और उसकी सिफारिश करने वालों पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई। जबकि ऐसे लोगों से ही सडक़ निर्माण का भुगतान वसूलना चाहिए। ताकि भविष्य में ऐसी गम्भीर गलती नहीं हो।
इन कॉलोनियों को दिया नोटिस नगर परिषद ने सुंदरम नगर, रिशी नगर, इन्द्रप्रस्त विहार, रामबाग कॉलोनी, मधुबन विहार, रौनक पार्क, साकेत नगर, उत्तम नगर, नरम सेठ नगर शामिल है। जबकि अभी भी 8 कॉलोनियां ऐसी जो नियम विरुद्ध है। नगर परिषद ने उन पर अभी तक नजर नहीं डाली है।