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टोंक

एक अभियंता,105 किलोमीटर बनास, संसाधन कुछ भी नहीं, कैसे रूके बजरी का अवैध खनन

Mineral department जिले में105 किलोमीटर क्षेत्र में फैली बनास में अवैध बजरी खनन पर रोक लगाने के लिए सहायक खनिज अभियंता(सतर्कता) कार्यालय में मात्र एक सहायक अभियंता व एक क्लर्क ही नियुक्त है। विभाग को कोई गाड़ी भी आवंटित नहीं की गई है। ऐसे में बजरी खनन पर रोक लगा पाना संभव नहीं हो रहा है।

टोंकJul 15, 2019 / 03:10 pm

pawan sharma

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एक अभियंता,105 किलोमीटर बनास, संसाधन कुछ भी नहीं, कैसे रूके बजरी का अवैध खनन

टोंक. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में राज्य सरकार कितनी सजगता बरत रही है यह कोई टोंक में सहायक खनिज अभियंता(सतर्कता) कार्यालय देख कर आसानी से लगा सकता है।

इस कार्यालय में मात्र एक सहायक अभियंता व एक क्लर्क ही नियुक्त है। तथा संसाधन के नाम पर इस कार्यालय में एक कम्प्यूटर सेट के अलावा कुछ भी नहीं है। ऐसे में बजरी खनन पर रोक लगा पाना संभव नहीं हो रहा है।
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टोंक में बढ़ते अवैध खनन पर 10 अगस्त 2013 को सहायक अभियंता खनिज विभाग के अतिरिक्त सहायक खनिज अभियंता(सतर्कता) के नाम से कार्यालय खोला गया। अतिरिक्त भवन एवं स्टॉफ नहीं मिल पाने के कारण यह विभाग पूर्व में संचालित सहायक अभियंता कार्यालय के एक कक्ष में ही चल रहा है।
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इस कार्यालय के स्थापित होने के समय से ही फौरमैन का पद भी रिक्त है। ऐसे में इस कार्यालय में मात्र सहायक अभियंता व एक क्लर्क ही कार्यरत है। ऐसे में दोनों में से किसी के अवकाश पर होने पर कार्यालय कार्य ठप हो जाता है। जबकि कार्य व कार्य क्षेत्र को देखते हुए तीन फौरमैन व तीन क्लर्क की आवश्यकता है।
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नहीं मिली कोई भी गाड़ी व चालक
खनिज विभाग की ओर से सतर्कता विंग को पिछले छह वर्षों में कोई भी गाड़ी आवंटित नहीं की गई है। कार्यालय द्वारा विभाग को गाड़ी की मांग की जाने पर प्रतिमाह के लिए बीस हजार रुपए बजट दिया गया, लेकिन इस राशि में कई निविदा जारी करने के बाद भी वाहन मालिक नहीं मिला।
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ऐसे में खनिज विभाग के अभियंता अमीचंद के साथ की कार्रवाई के दौरान जाना पड़ता है। या फिर अमीचंद के अवकाश पर जाने उनकी गाड़ी से कार्रवाई के लिए जाना पड़ता है।

सूचना आती है, जा नहीं पाते
सतर्कता विंग के सहायक अभियंता मलिक उस्तर ने बताया कि उच्चाधिकारियों को स्थिति से कई बार अवगत करा चुके है, लेकिन सुधार कुछ नहीं हुआ है।

अवैध खनन की प्रतिदिन औसतन आठ-दस सूचनाएं आती है, लेकिन साधन के अभाव में जा नहीं जाते है। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद 160 कार्रवाई की है। बिना साधन के जिले से निकलने वाली 105 किलोमीटर लम्बी बनास की सुरक्षा करना असंभव जैसा है।
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