गौरतलब है कि गत दिनों विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर गजेन्द्र सिसोदिया ने स्थानीय अस्पताल प्रशासन से डायलिसिस को लेकर प्रस्ताव मांगा था। विभागीय निर्देश पर प्रशासन ने मशीन सहित जरुरतों का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। चिकित्सकों ने बताया कि यह रक्त शोधन की कृत्रिम विधि है। डायलिसिस प्रक्रिया मानव शरीर के वृक्क (गुर्दे) काम नहीं करने की स्थिति में अपनाई जाती है।
वहीं किडनी के ठीक से क्रियाशील नहीं होने तक डायलिसिस किया जाता है। यह प्रक्रिया शरीर से गंदगी, नमक के साथ अतिरिक्त पानी हो हटा देती है। साथ ही ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है। अस्पताल प्रभारी डॉ. जगदीश का कहना है कि विभाग के संयुक्त निदेशक ने प्रस्ताव मांग था, जो भेज दिया है। स्वीकृति व मशीन मिलते ही डायलिसिस शुरू कर दिया जाएगा।
28 जनों के ऑपरेशन किए
बनेठा कस्बा क्षेत्र के सुरेली गांव में जयपुर कैलगिरी हॉस्पिटल के द्वारा निशुल्क नैत्र चिकित्सा शिविर में 28 मरिजों के नैत्र के ऑपरेशन किए गए। सुरेली गांव में 20 फरवरी 2020 को आयोजित हुआ था। जिसके अंदर नि:शुल्क मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए 28 मरीजों को जयपुर कैलगिरी हॉस्पिटल लाया गया।
जहां नि:शुल्क आंखों का ऑपरेशन किया गया। समाजसेवी विनोद शास्त्री ने बताया कि यह कैंप विनोद शास्त्री के द्वारा ग्राम सुरेली में लगाया जाता है। केम्प में ऑपरेशन ,लैंस ,चश्मे , दवाई और नि:शुल्क भोजन 3 दिन के लिए किया गया था।