मानस्तंभ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव व विश्व शांति महायज्ञ की शुरुआत रविवार को ध्वजारोहण व श्रीजी की घटयात्रा के साथ हुआ।
सुबह गांधी पार्क स्थित श्री पाŸवनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर से घटयात्रा साथ रवाना हुई, जिसमें हाथी पर सवार भगवान के माता-पिता बने पदमचन्द-लाड देवी व शाही बग्घी में सवार सौधर्म इन्द्र पदमचन्द-निर्मला देवी गोयल,
धनपति कुबेर ओमप्रकाश-आशा देवी जैन सहित सभी इन्द्र, प्रतिइन्द्र, अष्टकुमारियां सहित बड़ी संख्या में समाज के महिला-पुरुषों ने भाग लिया। घटयात्रा सुभाष सर्किल, नवीन मण्डी, व्यास सर्किल होते हुए मुख्य समारोह स्थल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के उत्सव प्रागंण में पहुंची।
जहां आचार्य इन्द्रनन्दी के ससंघ सान्निध्य में मंत्रोच्चारण के साथ घासीलाल-मनोरमा देवी संजय जैन गणवरिया परिवार की ओर से ध्वजारोहण किया गया। ध्वजारोहण के बाद अग्रवाल समाज अध्यक्ष रामगोपाल-पुष्पा देवी ठेग्या परिवार द्वारा विधिवत् मण्डप का उद्घाटन किया गया।
उद्घाटन के बाद आयोजित धर्मसभा में आचार्य इन्द्रनन्दी ने बताया कि पंचकल्याणक महोत्सव पाषाण की प्रतिमा में परमात्मा का वास करने की क्रिया है। जैन धर्म में भगवान के पांच कल्याणक महोत्सव बताए गए है,
जिनमें गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक, तप कल्याणक, ज्ञान कल्याणक व मोक्ष कल्याणक महोत्सव है। दोपहर में समारोह स्थल पर प्रतिष्ठाचार्य पं. सुधीर मार्तण्ड द्वारा इन्द्र एवं मण्डप प्रतिष्ठा, याज्ञ मण्डल विधान की पूजन करवाई गई।
समारोह स्थल पर सायंकाल महाआरती, इन्द्रसभा, गर्भशोधन, नगर रचना, मातृ सेवा, स्वप्न दर्शन फल, रत्नवृष्टि सहित कई धार्मिक क्रियाओं का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष ताराचन्द जैन ने बताया कि सोमवार को पंचकल्याणक महोत्सव के तहत सुबह साढ़े 6 बजे जाप्य, नित्यमह जिनाभिषेक, शान्तिधारा, आचार्य इन्द्रनन्दी के प्रवचन, सवा 10 बजे मन्दिर वेदी शुद्धि,
वास्तु विधान, दोपहर 2 बजे मण्डल आराधना, पूजन, साढ़े 3 बजे सीमान्त क्रिया, आकार शुद्धि विधान, सायंकाल साढ़े 7 बजे महाआरती, इन्द्रसभा, महाराज विश्वसेन का राज दरबार, माता के 16 स्वप्न फल, 56 कुमारियों का आगमन, माता की अष्ट कुमारियों द्वारा सेवा, रत्नवृष्टि सहित कई कार्यक्रम किए जाएंगे।