आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर तीसरे दिन भी धरनास्थल पर जनप्रतिनिधियों सहित लोगों का जमावड़ा लगा रहा। इससे पूर्व लोगों ने बाजार बंद करा दिए। टोडा-मालपुरा विधायक कन्हैयालाल चौधरी, पूर्व विधायक अजीत मेहता, जिला प्रमुख सत्यनारायण चौधरी, टोंक प्रधान जगदीश गुर्जर, रामविलास चौधरी, सुनील बंसल, सलीमुद्दीन खान, निलिमा आमेरा सहित अन्य लोगों ने धरने को सम्बोधित कर मृतक कांस्टेबल की हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर परिजनों को न्याय दिलाने व दोषी जांच अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की।
इसी दौरान धरनास्थल से लोगों ने राजमार्ग जाम करने की चेतावनी दे डाली। इस पर आनन-फानन में टोंक से छान तक के राजमार्ग पर आवागमन बंद करा वाहनों को अन्य मार्ग से डायवर्ट कर दिया। मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी सीआईडी-सीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रेवन्तदान सिंह सहित पुलिस अधिकारियों ने धरनास्थल पर जाकर लोगों से समझाइश का प्रयास किया, लेकिन लोग ठस से मस नहीं हुए।
इस दौरान मासूम को गोद में लिए धरनास्थल पर बैठी मृतक कांस्टेबल की पत्नी कैलाशी देवी ने माइक लेकर पुलिस अधिकारियों को जमकर आड़े-हाथ लेकर खरी-खोटी सुनाई। लोगों की मांग पर जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधू टोंक से सीधे मृतक कांस्टेबल मुकेश के घर पहुंचे और वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों के दस सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल से करीब एक घंटे से अधिक समय तक बंद कमरे में वार्ता की आपस में सहमति बनने पर पुलिस अधीक्षक सिधू धरनास्थल पर पहुंचे और लोगों को मांगों पर हुई सहमति की घोषणा की। इसके बाद अधिकारियों ने अनशन पर बैठे युवाओं को ज्यूस पिला अनशन तुड़वा धरना समाप्त करवाया। इस मौके पर कमल चौधरी, शिवराज बराला, रूपनारायण जाट सहित हजारों लोग मौजूद थे।