इस दौरान महेन्द्र कुमार, दीपक जैन ने ख्वासजी, सूरजमल, रमेशकुमार ने सारथी व सूरजमल, भंवरलाल ने प्रथम अभिषेक की बोली लगाई। इसके बाद श्रीजी की रथयात्रा निकाली गई। इससे पहले राजकुमार जैन, राकेश कुमार ने झण्डारोहण किया। शाम को कलशाभिषेक का कार्यक्रम हुआ। इससे पहले विभिन्न स्थानों से आई पदयात्राओं में शामिल श्रद्धालुओं ने चन्द्रप्रभु भगवान के दर्शन कर परिवार में खुशहाली मांगी।
महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए जयपुर-कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, झालावाड़, अजमेर आदि स्थानों से जैन समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। इससे पहले रात को वीरराजा चामुण्डाय नाटिका का मंचन किया गया। पण्डित मनोज शास्त्री ने मंत्रोच्चार के बीच श्रीजी का कलशाभिषेक किया गया। इससे पहले सम्मान समारोह में अतिथियों व समाज की अन्य प्रतिभाओं को प्रशस्ति-पत्र व माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।
आर्यिका विजयमति के सान्निध्य में आयोजित समारोह में समिति अध्यक्ष कमलेश कुमार जैन, मंत्री विरेन्द्र संघी, कोषाध्यक्ष राजेशकुमार, संरक्षक भागचंद जैन, रतनलाल जैन, नरेश बंसल, रोहित जैन, बाबूलाल जैन, अशोक, प्रेमचंद, श्यामलाल जैन, विमलचंद, डालचंद, भंवरलाल, विमल मौजूद थे।
रथयात्रा निकाली
निवाई. सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से आर्यिका श्रुतमति एवं सुबोधमति के सान्निध्य में श्रीशांतिनाथ दिगम्बर जैन अग्रवाल मंदिर में दो दिवसीय वार्षिकोत्सव पर कलशाभिषेक एवं रथयात्रा निकाली गई। प्रवक्ता सुनील भाणजा ने बताया कि शनिवार शाम भजन संध्या हुई। इसमें नरेन्द्र एण्ड पार्टी जयपुर ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। सुबह शांतिनाथ का अभिषेक एवं शांतिधारा की गई। इसके बाद 64 रिद्धि विधान एवं पूजन का आयोजन किया गया।
दोपहर में रथ यात्रा अग्रवाल मंदिर से पाण्डुकशिला पहुंची। जहां भगवान शांतिनाथ का सामूहिक कलशाभिषेक किया गया। इस दौरान महावीर जैन, अशोक जैन, पवन सांवलिया, विमल जौंला, गिर्राज चंवरिया, राजेश जैन, प्रकाश जैन, दिनेश गिन्दोड़ी, रमेशचंद जैन, हेमन्त चंवरिया, नेमीचंद, प्रेमचंद गिन्दोड़ी, विमल चंद जैन, बाबूलाल बढेरा मौजूद थे।