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सुरक्षित नहीं है टोंक आरएसी जवानों के परिवार, हादसें के बाद क्वार्टर की जांच में हुआ खुलासा

Ninth Battalion RAC Tonk टोंक में स्थित आरएसी बटालियन के दहने के लिए बनाए गए सरकारी क्वार्टर में रह रहे जवानों के परिवार सुरक्षित नही है। गत दिनों एक क्वार्टर की बालकनी का छज्जा गिरने के बाद हुई विभागीय जांच में इसका खुलासा हुआ है।
 

टोंकAug 03, 2019 / 09:17 am

pawan sharma

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सुरक्षित नहीं है टोंक आरएसी जवानों के परिवार, हादसें के बाद क्वार्टर की जांच में हुआ खुलासा

टोंक. सार्वजनिक निर्माण विभाग ( Public works department) की ओर से वर्ष 2008-09 में पूर्ण कराए गए आरएसी के क्वार्टर (Rac quarter) जवानों के परिवार के लिए सुरक्षित नहीं है। ये खुलासा सार्वजनिक निर्माण विभाग की टीम ने निरीक्षण (inspection) के बाद किया है।
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इसकी रिपोर्ट विभाग ने जिला कलक्टर तथा नवीं बटालियन आरएसी (RAC battalion) के कमाण्डेंट (Commandant) को भेजी है। इसमें माना है कि 270 में से 227 क्वार्टर की बालकनी (Balcony) क्षतिग्रस्त है।
इसके अलावा 9 ब्लॉक की सीढिय़ां एवं तीन क्वार्टर में छत की जर्जर होने के कारण क्वार्टर असुरक्षित (Unsafe) है। इस रिपोर्ट के बाद ये क्वार्टर खाली कर देने चाहिए।

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गौरतलब है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने आरएसी जवानों के लिए 270 क्वार्टर का निर्माण 16 करोड़ रुपए की लागत से कराया था। अभी महज 10 साल ही हुए हैं कि इनकी छज्जे गिरने लगी है। गत दिनों जब एक विंग की तीन छज्जे गिरने पर पत्रिका (patrika) में खबर प्रकाशित हुई तो सार्वजनिक निर्माण विभाग हरकत में आया।
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उसने सम्बन्धित फर्म को नोटिस जारी किए। इसके बाद सम्बन्धित फर्म ने शुक्रवार से मरम्मत कार्य शुरू किए हैं। सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से उच्चाधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक सम्बन्धित फर्म तथा निर्माण के समय मौजूद अभियंताओं पर भी गाज गिर सकती है।
महज 10 साल में ही 16 करोड़ के क्वार्टर जर्जर होने के मामले को उच्चाधिकारियों ने गम्भीरता से लिया तो अभियंता समेत अन्य के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

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ये दी है रिपोर्ट
सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता ने आरएसी के 270 लोअर तथा 12 अपर सबोर्डिनेट आवास का निरीक्षण किया। पाया कि 12 अपर सर्बोडिनेट भवन प्राकृतिक आपदा को छोडकऱ सुरक्षित है।
वहीं 270 क्वार्टर की 80 प्रतिशत छज्जे क्षतिग्रस्त है। उन्होंने माना कि इन क्वार्टर में पानी का लीकेज हो गया। इससे जंग आकर दीवारें, छतें व छज्जे फूल गए और कंक्रीट ने जगह छोड़ दी। इससे छज्जे गिर गए।
हालांकि जांच टीम ने अभी दो विंग के खाली कराए गए 24 क्वार्टर को अभी नहीं देखा है। ये क्वार्टर काफी समय पहले ही मौखिक आदेश पर इस लिए खाली कर दिए कि वे कंडम हो गए। इसकी भी जांच की जाए तो घटिया निर्माण सामग्री का खुलासा हो सकता है।

लाखों से मरम्मत भी करा दी
ये क्वार्टर 2016 में ही क्षतिग्रस्त हो गए थे। ऐसे में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 51.29 लाख रुपए स्वीकृत इसकी मरम्मत कराई थी। ये मरम्मत 26 मार्च 2016 में ही पूर्ण हुई थी। अभी तीन साल भी नहीं हुए कि फिर से क्वार्टर जर्जर हो गए।
रिपोर्ट भेजी है
आरएसी क्वार्टर की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है। साथ ही मरम्मत भी कराई गई है। तत्कालीन अभियंताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए। सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई तो उच्चाधिकारी के आदेश पर की जाएगी।
– बी. एस. मीणा, अधिशासी अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग, टोंक
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