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उदयपुर

फीस के बारे में पूछा तो प्रबंधन ने कह दी ऐसी बात कि मच गया हंगामा, जानें पूरा मामला

कलक्टर ने दिए जांच के आदेश

उदयपुरApr 11, 2019 / 11:58 am

Sikander Veer Pareek

उदयपुर . जिले में कुछ निजी स्कूलों ( private schools) द्वारा मनमानी ढंग से फीस बढ़ाने की शिकायतें जिला शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंच रही हैं। मंगलवार को ऋषभदेव से एक अभिभावक कलक्टर के पास पहुंचा और कस्बे के महावीर पब्लिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल के खिलाफ शिकायत की। अभिभावक हार्दिक जैन ने बताया कि इस स्कूल में उसके दो बच्चे पढ़ते हैं जिनकी सत्र 2018-19 की फीस के बारे में पूछा तो प्रबंधन ने बताने से इनकार कर दिया। आरटीआई में भी यह जानना चाहा तो सूचना नहीं मिली। बाद में दोनों बच्चों की फीस जमा करवानी पड़ी। इस बार स्कूल ने दोनों बच्चों को बस में बिठाने से मना कर दिया और एडमिशन कहीं ओर करवाने की चेतावनी दे दी। अभिभावक का कहना है कि उसे फीस हेड जानने का अधिकार है लेकिन स्कूल की मनमर्जी हो रही है। कलक्टर ने इस संदर्भ में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी भरत जोशी को जांच करवाने के निर्देश दिए है।
मिलने लगी शिकायतें
संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा भरत मेहता की ओर से गठित जिला शिक्षा अधिकारियों की टीम को अभिभावकों से शिकायतें मिलनी शुरू हो गई। इसमें मनमानी फीस बढ़ाने, किताबों और स्टेशनरी पर कमिशनखोरी, बिना बिल और चेक से भुगतान संबंधी शिकायतें मिल रही है। इनकी जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को जाएगी।

मनमानी फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के साथ नहीं एसोसिएशन
उदयपुर . प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर एवं मैनेजमेंट एसोसिएशन की बैठक यूनिवर्सिटी रोड स्थित एक स्कूल में हुई। बैठक में तय किया गया कि एसोसिएशन गाइड लाइन को दरकिनार कर 10 प्रतिशत से ज्यादा मनमानी फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों के साथ नहीं है। मौजूदा हालात में कुछ स्कूलों की वजह से बेहतर काम करने वाले दूसरे निजी स्कूलों को भी अभिभावकों का आक्रोश झेलना पड़ रहा है। इसके अलावा आरटीई में सरकार किताबों की पुनर्भरण राशि के तौर पर 126 रुपए देती है जिससे किताबें उपलब्ध करवाना मुश्किल है। सरकार यह राशि बच्चों के खाते में डाले। एसोसिएशन का कहना है कि सत्र 2018-19 में प्रवेशित आरटीई के बच्चों की पुनर्भरण राशि 31 मार्च तक स्कूलों को देनी थी तो अब तक नहीं मिली। 25 अप्रेल तक पुनर्भरण नहीं होता है तो बहिष्कार किया जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेश श्रीमाली ने बताया कि सरकार समय पर बाजार में किताबें उपलब्ध करवा दे तो अभिभावकों को राहत मिलेगी। बैठक में उपाध्यक्ष दिलीपसिंह यादव, सचिव डॉ उपेन्द्र रावल समेत 158 स्कूलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
कलक्टर के निर्देश पर सीबीईओ ऋषभदेव को शिकायत की जांच सौंपी है। स्कूल प्रबंधन को फीस हेड बताना चाहिए, यह जानना अभिभावक का अधिकार है। – भरत जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय

अभिभावक ने हर बार स्कूल में आकर हंगामा किया। फीस भी समय पर जमा नहीं करवाई। फीस हेड हमने सभी को बता रखा है लेकिन इनका व्यवहार ठीक नहीं होने से इनको उपलब्ध नहीं करवाया। इनसे परेशान होकर स्कूल के 8 कर्मचारी नौकरी छोडऩे का कह चुके हैं। हमने इनके बच्चों को टीसी नहीं दी है और न देना चाहते हैं। – विकास जैन
एमडी, महावीर स्कूल ऋषभदेव

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