उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि प्रदेश में रीट परीक्षा में संगठित नकल गिरोह की सक्रियता से नकल के बड़े मामले सामने आए और इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री गहलोत व शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा जिम्मेदार है। डॉ. पूनिया ने धरियावद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि धरियावद जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र के नौजवान युवा रोजगार नहीं मिलने से निराश है, बिगड़ी कानून व्यवस्था के कारण महिलाएं घर से बाहर निकलने में घबराती हैं, किसानों की अब तक कर्जमाफी नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कार्यकाल में अब तक एक भी उपलब्धि ऐसी नहीं है, जिसे जनता के समक्ष रखा जा सके। विशेष रूप से कांग्रेस सरकार ने धरियावद विधानसभा के साथ नाइंसाफी करते हुए इस इलाके को पिछड़ा रखा है। डॉ. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक ही विधानसभा क्षेत्र में चार-चार सभाएं उनकी अपनी पार्टी को लेकर इस मुकाबले में असुरक्षा की भावना को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि धरियावद एवं वल्लभनगर उपचुनाव एक ट्रेलर है, 2023 के चुनाव में कांग्रेस की विदाई तय है।
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की सभा मनरेगा के मजदूरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं बच्चों को लाया गया तथा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया। राठौड़ ने कहा कि आगामी 2023 के चुनाव में कन्हैयालाल ही पार्टी का यहां से चेहरा होगा।
पूनिया ने कहा कि कहा कि संवेदनाओं को सियासत में कैसे बदले यह मुख्यमंत्री की लसाडिय़ा सभा में देखने को मिला। लोगों के बीच भ्रम पैदा करना कांग्रेस की आदत बन चुकी है। भाजपा प्रत्याशी खेत सिंह मीणा ने भी संबोधित किया।