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उदयपुर

बाघदड़ा नेचर पार्क : चीतल को यूं बेरहमी से खींच कर लाए तो पड़ी फटकार…video

बाघदड़ा नेचर पार्क में मृगवन का आगाज…

उदयपुरOct 14, 2017 / 02:46 pm

Mukesh Hingar

baghdara nature park
 

उदयपुर . बाघदड़ा नेचर पार्क को मृगवन बनाने के लिए शुक्रवार को इसमें चीतल छोड़े गए। इस अवसर पर पौधरोपण भी किया गया। शहर से 20 किमी दूर बाघदड़ा नेचर पार्क में गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने चीतलों को प्राकृतिक वातावरण में छोडऩे का श्रीगणेश किया, लेकिन कटारिया ने वन्य जीवों को पिंजरे से छोडऩे के दौरान यह कहते हुए वह जगह छोड़ दी कि वन्यजीव इंसान को देखकर परेशान होंगे। कटारिया अफसरों को लेकर आगे निकल गए। इस बीच पिंजरे में चीतल बाहर नहीं आ रहे थे तो वनकर्मियों ने एक चीतल को बेरहमी से लेकर आए तो मुख्य वन वन संरक्षक राहुल भटनागर ने उन्हें डांटते हुए कहा कि उनको ठीक से लेकर आए। बाद में वे चीतल को गोद में उठाकर लाए और जंगल में छोड़ा।
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विभिन्न प्रजाति के 74 पौधे रोपे
कटारिया ने जन्मदिवस के उपलक्ष्य में पौधरोपण कर जन्मोत्सव वृक्ष कुंज का शुभारंभ किया। अन्य अतिथियों एवं अधिकारियों ने विभिन्न प्रजाति के 74 पौधे लगाकर मृगवन के सौंदर्यकरण में योगदान दिया। मुख्य वन संरक्षक भटनागर ने बताया कि प्राकृतिक वैभव को लौटाने के लिए चीतल छोड़े गए हैं। शहर के पास स्थित होने से इस मृगवन में पर्यटक आसानी से पहुंच सकते हैं। नेचर पार्क में पहले से ही चिंकारा, चोसिंगा व सांभर आदि शाकाहारी वन्यजीव मौजूद हैं। इस अवसर पर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, वन संरक्षक आईपीएस मथारू, उप वन संरक्षक शैलजा देवल, आर.के. जैन, सुहेल मजबूर, सहायक वन संरक्षक शैतान सिंह देवड़ा, क्षेत्रीय वन अधिकारी सुजान सिंह सोनी, महेन्द्र सिंह चुण्डावत, गणेशीलाल गोठवाल आदि मौजूद थे।
ईको-ट्यूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

झामेश्वर महादेव जाने वाले दर्शनार्थी भी यहां पार्क का आनन्द ले सकेंगे। इस पार्क में हिरणों को छोड़ने से मृगवन के रूप में यहां एक नये पर्यटक स्थल का उदय होगा जिसमें ईको-ट्यूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इसमें स्थानीय जनता के लोगो हेतु रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे। यह स्थल शैक्षिक महत्व का भी है।
विद्यालय-महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं यहां प्रकृति के विभिन्न पहलुओं की जानकारी ले सकेंगे। इस पार्क के प्रबन्ध में स्थानीय ईको-डवलपमेन्ट कमेटी का सहयोग लिया जाएगा।
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