कुंभलगढ़ उत्सव आज से ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग परिसर में पर्यटन विभाग के तत्वावधान में तीन दिवसीय कुंभलगढ़ फेस्टिवल का आयोजन 1 से 3 दिसंबर के बीच होगा। इसमें सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक राजस्थानी लोक कलाकारों द्वारा नृत्य और संगीत कार्यक्रम होंगे। इसमें घूमर, चकरी, सहरिया स्वांग, कच्छी घोड़ी, लाल गैर, लंगा मांगणियार आदि की प्रस्तुतियां होंगी। वहीं, पगड़ी बांधो प्रतियोगिता का आयोजन भी कराया जाएगा।
शिल्पग्राम उत्सव 21 से पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से राष्ट्रीय हस्तशिल्प व लोककला के दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव का आगाज 21 दिसंबर से होगा। वहीं, राजस्थान के हिल स्टेशन माउंट आबू में भी तीन दिवसीय शरद महोत्सव दिसंबर अंत में होता है। दिसंबर का अंतिम सप्ताह हिल स्टेशन माउंट आबू के पर्यटन व्यवसाय के लिए भी पीक सीजन होता है। इस दौरान यहां हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं।
क्रिसमस – सांता क्लॉज का इंतजार प्रभु यीशु के जन्मोत्सव को लेकर भी उत्साह रहता है। शहर के विभिन्न चर्च में विशेष तैयारियां होती हैं और रोशनी से सजाया जाता है। समाज के लोग घर- घर जाकर कैरोल गीत गाकर शुभकामनाएं और शांति का संदेश देते हैं। 24 दिसम्बर की रात साढ़े 11 बजे मसीही समाज के लोग गिरजाघरों में एकत्रित होकर मसीही गीत का गाते हैं, जो मध्य रात्रि तक जारी रहेगा। रात बारह बजते ही चर्चों में प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में घंटे-घडिय़ाल बजेंगे। प्रार्थना सभाएं होंगी।
न्यू ईयर -पर्यटक उमड़ेंगे, होटलों में बुकिंग्स शुरू शिल्पग्राम महोत्सव के साथ न्यू ईयर मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक लेकसिटी आते हैं। दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक सभी होटलों में बुकिंग फुल हो जाती है। बुकिंग्स की शुुरुआत अभी से होने लगी है। न्यू ईयर को लेकर होटल और रेस्टोरेंट्स में खास तैयारियां शुरू होती हैं। होटल्स में सजावट थीम बेस्ड होता है। गाला डिनर के आयोजन भी होते हैं।
हर साल दिसंबर माह में अधिक आते हैं पर्यटक साल के आखिरी वीकेंड में यानी क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर सेलिब्रेशन तक जितने पर्यटक उदयपुर में टूरिस्ट स्पॉट्स पर पहुंचते हैं उतने बाकी के महीनों में नहीं पहुंचते। शहर में साल के आखिरी तीन दिन में लगभग 10 से 15 हजार तक पर्यटक आते हैं। टूरिज्म बूम 25 दिसम्बर से आठ जनवरी तक रहता है और इस समय विदेशी टूरिस्ट का आना भी होता है, जो 15 मार्च तक रहता है।