इनमें चित्तौड़-उदयपुर खंड के 6 लेन का निर्माण, ब्यावर आसींद खंड का 2 लेन पेव्ड शोल्डर का निर्माण, आसींद-मांडल खंड 2 लेन पेव्ड शोल्डर का निर्माण, ब्यावर-गोमती खंड (बघाना से मादा बस्सी) 4 लेन का निर्माण और भमरासिया से मोड़ी कुराबड़ सड़क एमडीआर 150 का चौड़ाइक रण कार्य शामिल हैं। इसी कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने 887 करोड़ रुपए की 12 परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
इनमें गागरिया मुनाबाव खंड का 2 लेन पेव्ड शोल्डर का निर्माण, सांचौर शहर में एलिवेटेड राजमार्ग का निर्माण, साकरोढा-मेंनार सड़क का चौड़ाइकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य, बालूखल से आमलावाडा-अली मोखमपुरा सड़क का चौड़ाइकरण कार्य, चैनपुरा फाटक, झिलाई फाटक टोंक, रीको फाटक भरतपुर, हिंडौन फाटक, हरसोली फाटक, डबल फाटक अलवर, सांचौर फाटक सांचौर पर सेतु बंधन परियोजना के तहत रेलवे क्रॉसिंग पर 7 पुलों का निर्माण कार्य भी शामिल हैं।
जयपुर को दी यह सौगात
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने जयपुर और दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक केबल बस चलाने की भी घोषणा की। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को जयपुर से जोड़ा जाएगा। इसके लिए काम चल रहा है। यही नहीं, आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक केबल की मदद से जयपुर और दिल्ली के बीच बसें चलेंगी। इन बसों में सुविधाएं हवाई जहाज जैसी होंगी और इनमें किराया डीजल से चलने वाली बसों के मुकाबले करीब 30 फीसदी सस्ता होगा। इसके अलावा, इन बसों में यात्रियों को स्नैक्स भी मिलेंंगे।
विदेश यात्रा के बाद आया यह आइडिया
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ समय पहले वह चेक गणराज्य की यात्रा पर गए थे। वहां उन्होंने इलेक्ट्रिक केबल की मदद से बसों को चलते देखा तो भारत में भी ऐसी ही बसें चलाने का आईडिया आया। इस आइडिया के बाद ही उन्होंने जयपुर से दिल्ली के बीच यह बस चलाने की घोषणा की है। इसके लिए सड़क पर रेलवे ट्रेक की तरह बिजली की केबल बिछाई जाएगी। केबल का काम पूरा होने के बाद तीन बसों को आपस में जोड़कर चलाया जाएगा।