लगातार सामने आ रहे हैं हेड कांस्टेबल की प्रताडऩा के मामले केस-1 भूखंड का सौदा कर लिखा-पढ़ी नहीं करवाई
परिवादी- भुवाणा निवासी हीरालाल पुत्र लेहरूलाल तेली मामला- आरोपी मालीराम ने परिवादी को हवाला गांव में एक भूखंड का 4.21 लाख रुपए में सौदा कर नकद राशि प्राप्त कर ली। भूखंड की लिखा-पढ़ी की मांग की तो बार-बार टालमटोल करता रहा। उच्चाधिकारियों को शिकायत करने पर धमकियां दी। उपाधीक्षक ने मामले की जांच की तो पाया कि परिवादी ने मालीराम से भूखंड खरीदने के बाद कब्जा प्राप्त किया। एक कमरे का निर्माण का बिजली कनेक्शन लिया। मालीराम को भुगतान करने के बाद उसने रसीद नहीं दी।
नतीजा- मालीराम का यह कृत्य पुलिस विभाग की छवि को ठेस पहुंचाने वाला है। मालीराम पुलिस विभाग में कार्यरत और उसका यह कृत्य सेवा नियमों के विरुद्ध है। सेवा नियमों के तहत उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए।
केस-2 विधवा पेंशन के नाम पर हड़प ली जमीन
परिवादी- पराया की भागल निवासी तारू पुत्र रूपाजी भील मामला- आरोपी जाट के विरुद्ध एसपी को परिवाद दिया था कि उसकी सास नवली भील के बैरण पटवार क्षेत्र के कालीवास (राजसमंद) गांव में जमीन है। मैं व पत्नी रामुड़ी सास के साथ रहकर देखभाल करते हैं। सुखेर थाने पर पदस्थापन के दौरान मालीराम ने उसकी साल को विधवा पेंशन दिलाने के नाम पर तहसील कार्यालय ले जाकर उसकी कृषि भूमि का पंजीयन करवा लिया। आरोपी व उसके आदमी जमीन पर कब्जा लेने आए तो पूरा खुलासा हुआ।
नतीजा- तत्कालीन उपाधीक्षक ने जांच के बाद मामला राजसमंद का होने से एसपी राजसमंद को भिजवाने की अनुशंसा की।
केस-3 दोनों पक्षों की लेनदेन, हेडकांस्टेबल कर रहा था वसूली
परिवादी- रामगिरी बडग़ांव निवासी संतोष पुत्र उदयलाल पटेल मामला- परिवादी ने एसीबी को शिकायत की कि उसने महेन्द्र सिंह चौहान व किशनसिंह डुलावत से तीन लाख रुपए उधार लिए। वसूली के लिए उन्होंने मालीराम से सम्पर्क किया जिसने ब्याज सहित मूल रकम से कई ज्यादा की मांग करते हुए धमकियां दी। सुखेर थाने में पदस्थापन के दौरान वह घर तक पहुंच गया। महेन्द्र सिंह ने अम्बामाता थाने में परिवाद दिया तो मालीराम अन्य थाने में तैनात होने के बावजूद लगातार धमकाता रहा। इस संबंध में उसने आईजी व एसपी को लिखित रिपोर्ट दी।
नतीजा- उपाधीक्षक गिर्वा मामले की जांच कर रही है वहीं एसीबी ने भी इस परिवाद को लिया रिकॉर्ड पर
केस-4 दुर्घटना पर ले लिए 18 हजार
परिवादी- सेक्टर-14 निवासी रामकिशोर सिंह पुत्र उमरावसिंह मामला- गत 13 अगस्त को कार से सुमेरपुर से लौटाते समय गोगुन्दा में एक गाड़ी बाइक से टक्कर हो गई। बाइक सवार से वार्ता के बाद खर्चा देना भी तय हो गया। इस बीच अचानक हेडकांस्टेबल मालीराम वहां पहुंच गया। राजीनामा की बात कहने के बावजूद से दोनों को थाने ले आया। बाइक वाले को उसने भेज दिया। उसके बाद तलाशी ली। बाद में छोडऩे के एवज में 20 हजार की मांग की। बमुश्किल 18 हजार रुपए का भुगतान करने के बाद मालीराम ने उसे छोड़ा।
नतीजा- एसीबी ने शिकायत को लिया रिकॉर्ड पर