कांस्टेबलों व बजरी माफियों के बीच वसूली का खेल सामने आया है। उल्लेखनीय है कि पत्रिका टीम ने उदयपुर शहर से लेकर कुराबड़, बंबोरा, गुड़ली व खरका पुलिया के बीच चल रहे बजरी के अवैध खनन व इसमें पुलिस-प्रशासन की शह को लेकर स्टिंग किया था।
राजस्थान पत्रिका के 5 मई के अंक में पुलिस का मौन सिग्नल, अंधेरे में बजरी खनन का काला खेल शीर्षक से समाचार का प्रकाशन किया गया। इसे लेकर पुलिस अधीक्षक ने जांच कराई तो लेन-देन का मामला उजागर हुआ। इस पर बुधवार को प्रतापनगर थाने के कांस्टेबल भगवत सिंह व भैरूसिंह को निलंबित कर लाइन में भेज दिया गया है।
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पत्रिका टीम ने कुराबड़ क्षेत्र में मध्यरात्रि में चल रहे अवैध बजरी खनन के पूरे खेल को बेनकाब किया था। इस दौरान लठैत भी मिले तो बजरी माफियों ने पत्रिका टीम का पीछा भी किया। पुलिस की गाड़ी भी नजर आई लेकिन सामने से आते वाहन को मौन सिग्नल देते हुए निकल गई।
यहां तक कि कुराबड़ के धोबीघाट इलाके में बजरी से भरे हुए ट्रक व ट्रेक्टर ट्रालियां भी सुबह निकलने के फेर में खड़ी थी। सुबह प्रतापनगर थाने क्षेत्र से वाहन निकले, लेकिन पुलिस ने रोका-टोका नहीं। इसे लेकर पुलिस ने अपने स्तर पर जांच की तो दो कांस्टेबल घेरे में आए। हालांकि इसमें आला अधिकारियों व आसपास के अन्य थानों के कर्मचारियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता।