जज ने प्रेरित किया और मिल गई उसे जज की कुर्सी, पढ़िए उदयपुर की आरजेएस में चयनित होने वाली भारती की कहानी..
राजस्थान न्यायिक सेवा आरजेएस भर्ती परीक्षा परिणाम में भारती उपाध्याय को मिली 114वीं रैंक
जज ने प्रेरित किया और मिल गई उसे जज की कुर्सी, पढ़िए उदयपुर की आरजेएस में चयनित होने वाली भारती की कहानी..
उदयपुर. समीपवर्ती मदार गांव की रहने वाली भारती उपाध्याय को कोर्ट में नौकरी पर रहते हुए न्यायिक अधिकारियो ने प्रेरित किया तो उसने भी एक साल तक दिन रात इतनी मेहनत कर जज की कुर्सी हासिल कर ली।
मदार निवासी भारती पुत्री ओमप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि राजस्थान न्यायिक सेवा आरजेएस भर्ती परीक्षा परिणाम में उसे 114वीं रैंक मिली। भारती ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि उसने वर्ष 2008 में ही लॉ की डिग्री हासिल कर ली थी। उसके बाद 2011 से 2018 तक राजसमंद जिले में कोर्ट में एलडीसी रही, वहां पर सात साल नौकरी में यूडीसी में पदोन्नत में हो गई थी। काम के दौरान ही कई न्यायिक अधिकारी उसे आरजेएस की तैयारी के लिए प्रेरित करते रहे। कई बार मन भी बनाया लेकिन समय नहीं मिला। भारती ने बताया कि नाथद्वारा एडीजी विक्रम सिंह जब 2017 में राजसमंद में मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट बनकर आए थे तब उन्होंने प्रोत्साहित किया तो लगा कि मेहनत कर एक बार परीक्षा देनी चाहिए। उनके कहेनुसार पढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। कोर्ट में पढऩे का बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाया तो पढ़ाई के लिए जॉब बदल ली। वर्ष 2011 में ही बीएड की परीक्षा देने के कारण काम्पीटिशन एग्जाम देकर स्कूल में अध्यापिका बन गई। मदार गांव के स्कूल में ही पोस्ंिटग होने से उसे पढ़ाई के लिए स्टॉफ का पूरा सहयोग मिला। प्रतिदिन 12 से 13 घंटे पढ़ाई करने पर एक ही प्रयास में वह सफलता मिल गई। भारती का कहना है कि पढ़ाई के दौरान व सोश्यल मीडिया से बिल्कुल दूर रही। भारती के पिता निजी जॉब में है, भाई सरकारी सेवा मेंं है।
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