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उदयपुर

मिलिए सिम्मी से, ये स्कूलों में इस तरह से पढ़ाएगी स्वच्छता का पाठ

उदयपुर . अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षा में पढऩे वाले बच्चों को सफाई का पाठ ‘सिम्मी’ पढ़ाएगी।

उदयपुरDec 31, 2017 / 11:45 am

bhuvanesh pandya

Simmie Journey towords Cleanness NCERT new syllabus udaipur
उदयपुर . अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षा में पढऩे वाले बच्चों को सफाई का पाठ ‘सिम्मी’ पढ़ाएगी। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली की ओर से देश भर के बच्चों को सफाई का महत्व और सफाई से रहने की शिक्षा देने के लिए ‘सिम्मिज जर्नी टूवड्र्स क्लीनलीनेस’ नामक पुस्तक तैयार की गई है। इसमें नन्हीं बच्ची सिम्मी किस तरह से सफाई से अपनी नियमित दिनचर्या पूरी करती है और कैसे सफाई का महत्व आम लोगों तक पहुंचाती है, यह बताया गया है। हालांकि इस पुस्तिका को किसी कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं कर सभी के लिए अतिरिक्त शिक्षण के लिए दिया गया है।
पहल पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की यूनिसेफ के सलाह पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से इस पुस्तक को तैयार करवाने की पहल की है। इसका मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के प्रति सचेत करना व उसे नियमित जीवन का हिस्सा बनाना है।
इसे रोचक तरीके से लिखा गया है, ताकि बच्चे भी रुचि से इस पुस्तक को पढ़े या देखकर समझ सकें। शिक्षकों की पांच सदस्यीय समिति ने इसे तैयार किया है। इसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी से असिस्टेंट प्रोफेसर अर्पणा जोशी, एनसीईआरटी दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर कविता शर्मा और पद्मा यादव, केवी दिल्ली की संगीता अरोरा व स्वाति वर्मा शामिल हैं।
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ये है पुस्तक में

पुस्तक में आठ वर्षीय बालिका सिम्मी की पूरी दिनचर्या दी गई है। पहला पाठ है सिम्मी डे आउट, इसमें वह भूरू नामक कुत्ते से दोस्ती करती है, फिर उसके साथ खेलती है। वह सुबह होते ही पार्क में खेलने चली जाती है, वहां से उसकी मां उसे सुबह के दैनिक कार्यों के लिए बुलाती है, हाथ धोकर कुछ चीज खाने की बात सिखाती है। ऐसे ही सिम्मी जब स्कूल जाती है, तो उसे भी स्वच्छता के कक्षा में अंक दिए जाते है। हालांकि एक गलती के कारण सिम्मी बीमार हो जाती है, और वह फिर कैसे ठीक होती है, उसकी पूरी कहानी दी गई है।

यह पुस्तक को स्वच्छता के लिए पूरक पाठ्य सामग्री के रूप में तैयार किया गया है। जो प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगी, ताकि बच्चे अपनी दिनचर्या में सफाई का ध्यान रख सकें।
हृषिकेश सेनापति, निदेशक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद

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