सर्वेक्षण के तहत प्रत्येक दिन की रैंकिंग के आधार पर 1 अप्रेल 2017 से 28 मार्च 2018 के बीच देश के विभिन्न शहरों के नगर पालिकाओं और नगर निगम के अभियंताओं की शिकायत निवारण योग्यता के आधार पर तथा एस.एल ए. के अंतर्गत 100 से अधिक शिकायतों का निवारण करने वाले अभियंताओं की स्थिति जारी की गई है। इस रैंकिंग में राजस्थान के पाली के कालूराम ने राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है, वहीं अजमेर , कोटा , निवाई, लाखेरी, केकड़ी के अभियंताओं ने प्रथम 100 में अपना स्थान बनाया है। इसके अलावा प्रदेश के आबूरोड, डूंगरपुर, शिवगंज, गुलाबपुरा, प्रतापगढ़ के अभियंताओं ने 136 से 349 तक की रैंक प्राप्त की। प्रदेश के ही सादड़ी, पिंडवाड़ा जैसे छोटे शहरों के अभियंताओं की रैंकिंग स्मार्ट सिटी उदयपुर के अभियंताओं से ऊपर आई है।
रैंकिंग नीचे आने को लेकर जो कारण सामने आए हैं, उसमें एक प्रमुख कारण अभियंताओं की कमी, दोहरा व तिहरा कार्यभार सामने आया है। ये स्टाफ स्वच्छता की एप पर आने वाली शिकायतों के अलावा नगर निगम, स्मार्ट सिटी, अमृत योजना व अन्य जिम्मेदारियां इनको दे रखी है।
उदयपुर के प्रकाश सालवी विजेता
स्वच्छ सर्वेक्षण में सिटीजन भागीदारी में उदयपुर के प्रकाशचंद सालवी विजय घोषित किए गए। 5 सप्ताह में कुल 26 विजेताओं में उदयपुर के सालवी ने स्वच्छ भारत पर आलेख लिखने पर विजयी घोषित हुए।
डायनेमिक रैंकिंग में 93वां स्थान
स्वच्छता एप के उपयोग के आधार पर जो डायनेमिक रैंकिंग जारी की गई, उसमें उदयपुर की स्थिति बेहतर है। इस श्रेणी में पाली आठवें स्थान पर रहा, वहीं चूरू 9वें स्थान पर, अजमेर 29, टोंक 37, बूंदी 85, बांरा 91 तथा उदयपुर 93 वें स्थान पर रहा। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर कोटा 16वें, जयपुर 33 तथा जोधपुर 38वें स्थान पर रहा। यह रैंकिंग 1 अप्रेल 2017 से 10 मार्च 2018 के मध्य प्रत्येक दिन के यूजर ऐंगेजमेंन्ट, एजेंसी रिस्पांसिवनेस व यूजर हैप्पीनेस के आधार पर दी गई है।