वहीं, नगर निगम से वाटर फॉगिंग मशीन मंगवाई गई। जिसे तालाब की पाल पर आम के पेड़ों और प्रभावित क्षेत्र में तापमान नियंत्रित करने को लेकर छिड़काव किया गया। चिकित्सीय टीमों की सलाह पर क्षेत्रीय वन अधिकारी कैलाश मेनारिया ने आबादी से दूर मृत चमगादड़ों को दूर ले जाकर खड्डा खोदकर नियमानुसार दफनाया। जिससे डॉग उन्हें इधर-उधर ना फैलाए व संक्रमण और दुर्गंध ना फैले। इस दौरान वनाधिकारी के साथ पशुपालन विभाग से उपनिदेशक लज्जाराम मीणा, डॉ. विजय माने, ड़ॉ. नवीन शर्मा, डॉ. विकास मीणा के अलावा पॉल्यूशन बोर्ड से कौशल कुमार एवं मोहित मेनारिया मौके पहुंचे।
एहतियात के तौर पर ब्रह्म सागर तालाब के पानी का सेंपल भी भेजा गया है। निरीक्षण के बाद चिकित्सा टीम ने ग्रामीणों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अति आवश्यक कार्य होने पर ही तालाब की पाल पर जाएं। साथ ही तालाब की पाल पर गिरे हुए व झूठे फल नहीं खाएं। तालाब की पाल पर घूमते समय अनावश्यक स्पर्श ना करें।