आरएनटी मेडिकल कॉलेज में अंगदान का यह पहला ऑपरेशन था, जिसमें मध्यप्रदेश के नीमच निवासी माणकलाल (56) पुत्र केसूलाल पाटीदार के अंगदान किए गए। परिजनों ने उनके समस्त अंगों के दान की सहमति जताई थी। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इसको लेकर देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज को जानकारी दी थी। उसके बाद हैदराबाद के किम्स व जयपुर के एसएमएस व महात्मा गांधी चिकित्सालय की टीमें यहां पहुंची, लेकिन चैन्नई की टीम रास्ते में ही रुक गई, उन्हें रेस्पिरेंट सुटेबल नहीं मिला। वे दस साल की बच्ची के लिए हार्ट चाहते थे, लेकिन मरीज की उम्र 56 साल थी, उन्होंने इसको लेकर जोखिम नहीं उठाया।
— एक दिन पहले ब्रेन डेड घोषित किया मृतक माणक लाल खेतीहर किसान था। 15 दिसम्बर को ब्लड प्रेशर हाई होने पर उसके बे्रन में समस्या हो गई थी। उसे परिजनों ने यहां निजी चिकित्सालय में दिखाया था। जहां ऑपरेशन किया गया। सात दिन घर पर रहने के बाद 15 जनवरी को वापस तबीयत खराब होने पर परिजन आरएनटी के सुपर स्पेशलियिटी यूनिट में लेकर पहुंचे। यहां उपचार के बाद मरीज का ब्रेन डेड घोषित किया। उसके बाद परिजनों की सहमति पर अंग लिए गए।
—-
—-