पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या करने के तरीके का खुलासा
सोमवार सुबह परिवारजनों ने जब घर में एक साथ चार शव फंदे पर लटकते और दो जमीन पर पड़े देखा तो मातम शुरू हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को फंदे से उतारकर कब्जे में लिया। देरशाम आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या करने के तरीके का खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि गोल नेड़ी झाड़ोल निवासी प्रकाश (37) पुत्र सोहनलाल गमेती, उसकी पत्नी (32) दुर्गा, पुत्र 5 वर्षीय गणेश, 4 वर्षीय पुष्कर, 2 वर्षीय रोशन और 4 माह के गंगाराम की मौत हो गई।
विभत्स तरीके से युवक-युवती की हत्या, प्राइवेट पार्ट काटा, शव बिना कपड़ों के जंगल में फेंका
भाई ने अंदर जाकर देखा तो दंग रह गया
सोमवार सुबह 8-9 बजे तक भी परिवार घर से बाहर नहीं निकला तो पास ही रह रहे भाई को संदेह हुआ। अंदर जाकर देखा तो दंग रह गया। एक कमरे के घर में चार शव लटके हुए थे, वहीं दो शव जमीन पर पड़े हुए थे। सूचना पर गोगुन्दा थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। एसपी विकास शर्मा, एएसपी महेंद्र पारिक, डीएसपी अभिषेक शिवहरे, तहसीलदार रवीन्द्र सिंह, एसडीओ हनुमानसिंह राठौड़, थानाधिकारी योगेन्द्र व्यास भी मौके पर पहुंचे।
कुछ ऐसा था घटनाक्रम
एफएसएल के डॉ. विजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि प्रकाश ने परिवार को खत्म करने की पूरी तैयारी की थी। उसने कमरे की छत पर लगे हुक से पंखा उतारकर नीचे रखा और उसी पर फंदे लटकाए। पत्नी दुर्गा का गला घोंटा, वहीं कपड़े धोने के पट्टे (धोवने) से भी उसके सिर पर वार किया। उसकी बगल में सो रहे दूधमुंहे बच्चे का वहीं गला घोंटा। इसके साथ ही तीन बच्चों को हुक पर बांधे फंदे पर लटका दिया। इसके लिए वह घर में रखे प्लास्टिक के ड्रम पर चढ़ा था। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम होने के बाद सामने आया कि प्रकाश ने पत्नी दुर्गा की गर्दन को ऐसा झटका दिया कि उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई।
राजस्थान में भी हो चुकी हैं Shraddha Walker Murder जैसी घटनाएं, किशनगढ़ में पति का सिर धड़ से अलग कर भून दिया था
संकट से उबरने के लिए भोपा के संपर्क में था
मृतक प्रकाश के छोटे भाई दौलाराम ने बताया कि प्रकाश नवरात्र और दीपावली मनाने गांव आया था। इस दौरान वह बीमार हो गया। बीते दो माह में उसे दो बार टाइफाइड हो गया। ऐसे में वह काम पर नहीं लौट पाया था। लगातार बीमार रहने और परिवार पर संकट के चलते प्रकाश भोपे के यहां चक्कर काट रहा था। रविवार को उसने भोपे को बुलाकर पशु बलि देने की तैयारी कर रखी थी। इसके लिए वह हाल ही में बकरा खरीद लाया था। रविवार रात 9-10 बजे तक प्रकाश उसके साथ घर के बाहर ही अलाव ताप रहा था। लेकिन भोपा नहीं आया। इस बात से वह काफी परेशान था। इसके बाद उसने इस वारदात को अंजाम दिया।
मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ करेंगे। अगर किसी व्यक्ति को किसी तरह की समस्या है तो चिकित्सक के पास जाएं। मानसिक परेशानी है तो उसका भी उपचार होता है। अवसाद में किसी तरह का कदम नहीं उठाना चाहिए। पहले परिवार का भविष्य भी सोचना चाहिए।
विकास शर्मा, पुलिस अधीक्षक