कोरोना से लडऩे का अनूठा अंदाज
कोई राम बना तो कोई मुनि, तीरों से सीखा लडऩा इन्हें न राम का पता न रहीम का, धरती का बिछोना राम वनवास की यादें
कोरोना से लडऩे का अनूठा अंदाज
कमलाशंकर श्रीमाली
कानोड़. (उदयपुर)लॉकडाऊन का लंबा सफर व टीवी पर रामायण जैसे धारावाहिक से सीख लेकर बच्चे परिजनों के सहयोग से कोई राम की वेशभूषा में धनुष लिए तो कोई जैन मुनि बनकर लोगों को लॉकडाऊन की पालना की सीख दे रहे हैं । यहीं नहीं मासूम भगत सिंह बनकर राष्ट्रभक्ति का जज्बा भी दिखा रहे हैं। कस्बे के इन मासूमों की छवि लोगों को लुभा रहीं है। नन्हीं सी परी तन्वी भाटी की विचित्र वेशभूषा आकर्षण का केन्द्र बन शहनाइयों की गूंज सुना रही है । शहर की मासूम बालिका कृष्णविजया- राम , आरव दक-जैन मुनि , अनिरूद्ध जैन- कृष्ण , नेषध जैन-बलराम , भव्य चौबीसा-पङ्क्षडत की वेशभूषा ने मर्यादा व संयम सिखाते दिखे तो डिगराज सिंह चौहान ने सरदार भगत सिंह बनकर राष्ट्र सर्वोपरि बताते हुए लॉकडॉउन की पालना करने की सीख दी। ध्रुव वैष्णव का हॉलीवुड मूवी का मुख्य किरदार थोर बनकर आपात से निपटने का हौसलला बढ़ा रहा है। महामारी के दौर में इन बच्चों की प्रस्तुतियां हर मन को लुभाते हुए राम की मर्यादा तो जैन मुनि का संयम की सीख देते हुए लोगों को घरों में रहने की का संदेश दे रहे हैं। कस्बे की दो बालिका सलोनी व सोनाली भाणावत द्वारा कोरोना से लडऩे वाले चिकित्सक , पुलिस सहित कार्मिकों के योगदान को रामायण के योद्धाओं की तरह सराहते हुए तीरो के माध्यम बनाया विडियो खासी चर्चा में है । ऐसे विडियों व राम , कृष्ण व जैन मुनी की वेशभुषा धरे फोटो सोशल मीडिया पर खासी धूम मचाए हुए जो लोग खूब पसंद कर रहे हैं । रमजान के इन दिनो में मासुम भी रोजा रखकर अपने परिजनो के साथ नमाज की आयातो पर अपनी निगाहें गढा रहे हैं । एक ओर राम तो एक ओर रहिम के इन दिनो में लॉक डाऊन में लोगो को कोमी एकता व सरकारी निर्देशों की पालना का संदेश दे रहे है । लॉक डाऊन के चलते राम ओर रहिम के घरो पर ताले लटके है , खुला हे तो केवल मानव मंदिर, जो नियमो में रहां वह इस बिमारी से लड़ गया ओर जिसने लापरवाही बरती वह दुनिया से विदा हो गया न राम बचा पाए न रहिम । ऐसे में प्रशासन की अपिल सरकारी नियमो की पालना में लॉक डाऊन का पालन करें ।
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