70 वर्षीय केशीबाई अकेली रहती है, जिसके पति और बेटे की मौत हो गई। खरबडि़या निवासी बेटी की बहू और लकड़वास में रहकर ड्राइवरी करने वाला पोता कभी-कभार आकर संभाल जाते हैं। केशी बोली ‘एक रुपयो तक नी मल्यो, साब आवे वणा ने केंउ हूं पर कोई नी हूणे, बैठी हूं अठे म्हारो ई भगवान है।
धर्म स्थल भी आए हाइवे की जद में
काली तलाई धूणीमाता क्षेत्र में धर्मराज बावजी का देवरा भी हाइवे की जद में आ रहा है जिसके चारों ओर भराव भर दिया गया है। मुआवजा नहीं मिलने से अभी इसे शिफ्ट नहीं किया गया है। आसपास में आदिवासी परिवारों के धार्मिक चबूतरे भी हैं जिन्हें हटाने को कहा जा रहा है। इनका भी मुआवजा नहीं मिला।
अवाप्ति में सामने आई लापरवाही
एनएचएआई की अधिसूचना के आधार पर सक्षम भूमि अवाप्ति अधिकारी पदेन कलक्टर ने मुआवजा बांटा। एनएचएआई, पटवारी, अमीन और अधिकारियों की लापरवाही के चलते ये परिवार मुआवजे से वंचित रह गए हैं।
इनका कहना……
मैंने भी केशी बाई और मंदिर का मुआवजा दिलवाने के लिए कई बार एनएचएआई के चक्कर लगाए हैं ताकि गरीब को राहत मिल सके। अभी तक इनको पैसा नहीं मिला है।
विमल भादविया, सरपंच भोईयों की पंचोली ग्राम पंचायत
एनएचएआई की अधिसूचना और मूल्यांकन रिपोर्ट भेजी थी जिसके आधार पर मुआवजा दे दिया गया। रिपोर्ट नहीं आई होगी, तभी धूणीमाता क्षेत्र के इन परिवारों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। रिपोर्ट आने पर भुगतान कर दिया जाएगा।
सीएल देवासी, अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं सक्षम भूमि अवाप्ति अधिकारी