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उज्जैन

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने उठाया सवाल-सिंहस्थ 2028 में ज्यादा जमीन की जरूरत कैसे पूरा करेंगे

सिंहस्थ-2028 में 42 फीसदी जमीन यानी 1400 हैक्टेयर जमीन की आवश्यकता पड़ेगी, इधर सिंहस्थ बायपास की जमीन को आवासीय घोषित किया

उज्जैनJun 02, 2023 / 02:14 am

Nitin chawada

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने उठाया सवाल-सिंहस्थ 2028 में ज्यादा जमीन की जरूरत कैसे पूरा करेंगे

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने उठाया सवाल-सिंहस्थ 2028 में ज्यादा जमीन की जरूरत कैसे पूरा करेंगे

उज्जैन. सिंहस्थ का हवाला देकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मास्टर प्लान में बदलाव के बयान का अखाड़ा परिषद ने स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने सवाल भी दागा कि सिंहस्थ 2028 में ज्यादा जमीन की जरूरत कैसे पूरा करेंगे। मास्टर प्लान 2035 में एक ओर ङ्क्षसहस्थ 2028 के लिए 42 फीसदी अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता जताई गई है, वहीं दूसरी ओर ङ्क्षसहस्थ बायपास जैसी महत्वपूर्ण जमीन को छोड़ दिया गया है। ङ्क्षसहस्थ 2016 में ङ्क्षसहस्थ बायपास की जमीन पर 352 हैक्टेयर अधिगृहित की गई थी और यहां पर सैटेलाइट टाउन, पार्किंग तथा अखाड़ों के कैंप लगे थे। भविष्य में इस क्षेत्र में ङ्क्षसहस्थ के लिए और जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अगले ङ्क्षसहस्थ के लिए एक ओर जमीन की आवश्यकता है तो किस आधार पर ङ्क्षसहस्थ बायपास क्षेत्र की जमीन को आवासीय घोषित कर दिया गया।
ङ्क्षसहस्थ 2016 में 3061.607 हैक्टेयर भूमि मेले के लिए अधिसूचित की गई थी। सैटेलाइट टाउन के लिए 352.915 हैक्टेयर जमीन अधिसूचित की गई थी। दोनों मिलाकर करीब 3414 हैक्टेयर जमीन ली गई थी। 2028 के मेले के लिए 2016 ङ्क्षसहस्थ की तुलना में ज्यादा जमीन की जरुरत रहेगी। मास्टर प्लान में ही 42 फीसदी अतिरिक्त जमीन की बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है, ऐसे में ङ्क्षसहस्थ 2028 में 1400 हैक्टेयर जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। इसकी पूर्ति ङ्क्षसहस्थ बायपास क्षेत्र की जमीन से ही की जा सकती है।
मास्टर प्लान पर दोबारा से विचार करे सरकार
अभा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्रपुरी महाराज ने बताया कि हम पहले से ही मांग कर रहे हैं कि ङ्क्षसहस्थ क्षेत्र को सुरक्षित रखते हुए इसेे बढ़ाया जाए। ङ्क्षसहस्थ बायपास पर पिछले ङ्क्षसहस्थ जमीन अधिगृहित की थी तो फिर इसे मुक्त क्यों रखा जा रहा है। ङ्क्षसहस्थ 2028 में बड़ी संख्या साधु-संत के अलावा देशभर से श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में जमीन की और जरूरत रहेगी। हमने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह मास्टर प्लान पर दोबारा से विचार करें और ङ्क्षसहस्थ क्षेत्र के लिए जमीन आरक्षित करें।
7 करोड़ श्रद्धालु आने का अनुमान
ङ्क्षसहस्थ 2016 में करीब 5 करोड़ श्रृद्धालु शहर आए थे। वहीं 2028 में यह संख्या 7 करोड़ से अधिक पहुंचने की संभावना जताई गई है। वहीं साधु-संतों के पंडाल की साइज और उनकी संख्या में इजाफा होगा।
यह है मेला क्षेत्र
उज्जैन नगर पालिका निगम का पूरा क्षेत्र, पंचक्रोशी पड़ाव स्थल के रूप में ग्राम उंडासा, ङ्क्षपग्लेश्वर, करोहन, नलवा, अंबोदिया तथा जैथल। रेलवे स्टेशन ङ्क्षपग्लेश्वर, विक्रमनगर, नइखेड़ी व ङ्क्षचतामण।
यह सैटेलाइट टाउन- दाउदखेड़ी के पीछे ङ्क्षसहस्थ बायपास, शासकीय इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज, सोयाबीन प्लांट के पास देवास रोड, मक्सी रोड पर पंवासा, उन्हेल रोड पर सोडंग व आगर रोड पर कमेड आदि है।
हर ङ्क्षसहस्थ में बढ़ी हजार हैक्टेयर जमीन
हर 12 वर्ष में लगने वाले ङ्क्षसहस्थ मेले के लिए जमीन की आवश्यकता बढ़ी है। वर्ष 2004 के ङ्क्षसहस्थ की तुलना में 2016 के ङ्क्षसहस्थ में 916 हैक्टेयर जमीन बढ़ाई गई थी। यानी करीब 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। इसी मान से ङ्क्षसहस्थ 2028 के ङ्क्षसहस्थ के लिए भी इतनी ही जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। ऐसे में जरूरी है कि अभी से ङ्क्षसहस्थ क्षेत्रफल का निर्धारण कर उसकी बढ़ोतरी की जाए।

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