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उज्जैन

एक के बाद एक तीन धमाके, गैस सिलेंडर की री-फिलिंग के दौरान हुआ बड़ा हादसा

कोट मोहल्ला में दो दुकानों की दीवारें टूट गईं, दुकान मालिक समेत पांच घायल…>

उज्जैनMay 20, 2022 / 11:34 am

Manish Gite

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उज्जैन. घनी आबादी क्षेत्र कोट मोहल्ला में गुरुवार शाम 4.30 बजे एक मकान में अचानक धमाके होने लगे। एक के बाद एक तीन धमाके से क्षेत्र में सनसनी के साथ भय का माहौल बन गया। अफरा-तफरी के बीच बम विस्फोट की चर्चा चल पड़ी। दो दुकानों की दीवारें टूट गईं। फ्रीज समेत दुकानों में रखा सामान उड़-उड़कर सड़कों पर आ गया। चारों तरफ धुआं ही धुआं छा गया। दुकान संचालक समेत पांच लोग घायल हो गए। धुएं के साथ आशंकाओं के बादल छटे तो पता चला रसोई गैस सिलेंडर की अवैध री-फिलिंग के दौरान तीन सिलेंडर में विस्फोट हुए। शुक्र है, जनहानि नहीं हुई लेकिन यह तो स्पष्ट हो गया कि शहर जोखिम में है। घटना ने बड़ा सवाल खड़ा किया कि आखिर घनी आबादी के बीच अवैध गैस री-फिलिंग हो कैसे रही थी। इधर, पुलिस ने मौके से 15 रसोई गैस सिलेंडर जब्त किए। साथ ही देर रात तीन आरोपियों के खिलाफ अवैध कारोबार, लोगों की जान खतरे में डालने सहित अन्य धारा में प्रकरण दर्ज किया है। खाद्य विभाग ने अब जांच की बात कही है।

 

महाकाल थाना प्रभारी मुनेन्द्र गौतम ने बताया कि कोट मोहल्ला निवासी राजू, मंजूर और फिरदौस तीनों अवैध रूप से वाहनों में घरेलू गैस भरने का काम करते हैं। दोपहर में फिरदौस री-फिलिंग कर रहा था, तभी एक के बाद एक तीन सिलेंडर फट गए। धमाके से मकान के नीचे स्थित नासिर अली की ड्रायफ्रूट और इत्र की दुकान की दीवार टूट गई। गुड्डू भाई की कश्मीरी पंक्चर दुकान की दीवार भरभराकर गिर गई। हादसे के दौरान फिरदोस, नासिर का छोटा भाई नाजिर अली ड्रायफ्रूट की दुकान पर बैठे थे। कश्मीरी पंक्चर के संचालक गुड्डू भाई और उनका बेटा घायल हो गए। सभी को जिला अस्पताल भेजा गया। फिरदौस के चहरे पर गंभीर घाव आए हैं। पड़ोसी को भी पैर में लोहे के टुकड़े लगे हैं।

 

सरकारी कार्यालयों में कई बार आपने सुना होगा, शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे। सरकारी तंत्र का यह तकियाकलाम पता नहीं कब बंद होगा। जिम्मेदारों की अनदेखी का ही परिणाम है कि लोगों की जान सांसत में डालने वाले गैस सिलेंडर के अवैध री-फिलिंग सेंटर शहर में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं। गोपाल मंदिर, दानी गेट, फ्रीगंज क्षेत्र में अवैध री-फिलिंग करने वाले बेखौफ काम कर रहे हैं और जिम्मेदार हादसों का इंतजार कर रहे हैं। आंखों देखी मक्खी निगलने से ऐसे हादसे होते हैं। सवाल यह कि जनता की जान को खतरे में डालने का अधिकार इन्हें किसने दे दिया। समय-समय पर जांच की जाती तो आज यह स्थिति नहीं बनती। हादसों से बचने के लिए समय पर चेतना जरूरी है। कोट मोहल्ला में हुए विस्फोट की गूंज से जिम्मेदारों की नींद टूटने के संकेत मिल रहे हैं। अब कार्रवाई की जाने की बात कही जा रही है। शहर की करीब 20 प्रतिशत जनता रोज ही विस्फोट की आशंका में जी रही है। जनता भी हादसा होने के बाद कह रही है कि यह काम यहां कई वर्षों से चल रहा था। जनता के साथ पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदारों को अवैध काम की खबर जरूर रही होगी। फिर ऐसा क्या था कि कार्रवाई नहीं हुई। क्या कार्रवाई के लिए हादसा जरूरी है। इस बार जिम्मेदार इच्छाशक्ति दिखाएं तो शहर और शहरवासी सुरक्षित रह सकते हैं। जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना होगा, जिससे इन विस्फोटक अड्डों को खत्म किया जा सके।

 

प्रत्यशदर्शी बोले

इत्र की दुकान से मलबा 25 फीट तक ऊपर उड़ा

प्रत्यक्षदर्शी असलम खान ने बताया कि इत्र दुकान में रखा सामान और फ्रीज 10 फीट दूर फेंका कर रोड पर आ गिरे। यही स्थिति पंक्चर दुकान की हुई और विस्फोट से मलबा करीब 25 फीट तक ऊपर उड़ गया। रहवासियों में बातें होने लगी कि क्षेत्रवासी जोखिम में जी रहे हैं। यही हादसा अगर शाम पांच बजे बाद होता तो घायलों की संख्या बढ़ सकती थी। क्योंकि शाम को चौराहा पर भीड़ बढ जाती है। लोगों ने बताया कि मंजर और फिरदौस वर्षों से मकान के पीछे वाले कमरे में सिलेंडर री-फिलिंग करते हैं। विस्फोट से आसपास के तीन घरों में दरार पड़ गई। ड्रायफ्रूट्स दुकान संचालक नासिर अली और पंचर दुकान संचालक गुड्डू ने बताया कि हादसे में उनका लाखों का नुकसान हुआ है।


गैस री-फिलिंग के एक दर्जन से ज्यादा अड्डे: शहर में रसोई गैस सिलेंडर से अवैध री-फिलिंग के एक दर्जन से ज्यादा अड्डे हैं। इनमें से कई रहवासी क्षेत्र में हैं, जहां करीब डेढ़ लाख लोग रहते हैं। अवैध री-फिलिंग सेंटर में गोपाल मंदिर और छत्री चौक जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं। दौलतगंज, नई सड़क बिजली ऑफिस के पीछे, दानी गेट, फ्रीगंज में जीरो पाइंट ब्रिज के नीचे हीरा मिल की चाल में करीब आधा दर्जन स्थानों पर वाहनों में बेखौफ री-फिलिंग की जा रही है।

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