उज्जैन. पुलिस कंट्रोल रूम के सामने निजी भूमि की बाउंड्री में स्थित दुकान व कक्ष पर शनिवार दोपहर निगम गैंग ने जबरिया हथौड़े चलवा दिए। बगैर नोटिस दिए गैंग पहुंची व जोन 4 प्रभारी पीएल टटवाल बोले कि कलेक्टर ने कहा है, आधे घंटे में दुकान खाली करो। संचालक कुछ समझ पाता इतनी देर में सब खत्म। पीडि़त ने महापौर मीना जोनवाल व एसपी को शिकायत दी, जिसमें क्षतिपूर्ति दिलाने व निगम अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग है।
कंट्रोल रूम के सामने एक भवन में श्रीकृष्ण कॉलोनी निवासी कुलदीपसिंह राजौरा की चाय की दुकान व पास में पक्का कक्ष बना हुआ है। ना तो यह स्थान सरकारी जगह पर है और ना ही इससे यातायात में कोई दिक्कत। बावजूद निगम गैंग पहुंची और सब कुछ जमींदोज कर दिया। पीडि़त कुलदीपसिंह ने सहायक आयुक्त सुबोध जैन, उपयंत्री एजाजउद्दीन सिद्दीकी, गैंग प्रभारी मोनू थनवार के खिलाफ शिकायत सीएम हेल्पलाइन व थाने में शिकायत दर्ज कराई।
20 साल काबिज, विवाद कब्जे का- कुलदीपसिंह के अनुसार वह 20 सालों से वहां काबिज है। भूमि के टाइटल का विवाद सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय में धारा 145 में विचाराधीन है। बावजूद निगम गैंग ने बगैर कानूनी प्रक्रिया मेरा 1 लाख का नुकसान कर दिया। मैं दोषी अधिकारियों पर वाद लगाऊंगा।
भूमाफिया के इशारे पर
निगम को निजी भूमि पर पुराने निर्माण को हटाने से कोई सरोकार नहीं रहता, लेकिन शनिवार को हुई कार्रवाई कतिपय भूमाफिया के इशारे पर हुई, जो मौके पर काबिज लोगों को बेदखल कराना चाहते हैं। सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग स्वार्थ के लिए वह भी प्रशासन के अधिकारी के कहने पर। इधर जब जब महापौर ने फोन पर टटवाल से सवाल किया तो उन्होंने बात उपायुक्त योगेंंद्र पटेल पर डाल दी।
रास्ते की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी। इसके लिए नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। वास्तविक विषय क्या है, इसकी जानकारी ली जाएगी।
-कवींद्र कियावत, कलेक्टर