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उज्जैन

कभी पकौड़े बेचते थे मोहन यादव, संघर्ष के दौर में ही शुरू कर दी थी राजनीति

51 साल बाद उज्जैन से प्रदेश की कमान, अपनी मेहनत से पीएचडी और एमबीए किया…।

उज्जैनDec 12, 2023 / 12:11 pm

Manish Gite

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नए सीएम मोहन यादव से जुड़ी दिलचस्प स्टोरी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संघर्ष के दिनों में चाय बेचा करते थे। ऐसे ही मध्यप्रदेश के नए सीएम मोहन यादव अपने पिता पूनमचंद यादव के साथ दुकान पर पकौड़े बेचते थे।

मोहन ने चुनौतीपूर्ण हालात में ही पढ़ाई के साथ छात्र राजनीति के जरिए मुख्यमंत्री तक का सफर पूरा किया। यादव ने जिस क्षेत्र में चुनाव लड़ा, वहां जीत मिली। हालांकि सब इतना आसान नहीं था। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे मोहन यादव पिता के साथ काम में हाथ बंटाते थे।
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उज्जैन से सेठी भी बन चुके

प्रदेश में 51 साल बाद बतौर सीएम उज्जैन से मोहन यादव को कमान मिली है। इससे पहले 1972 में प्रकाशचंद्र सेठी सीएम बने थे। यादव के सीएम बनने को परिजन ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद बताया।


संघ से जुड़े : 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उज्जैन नगर के सह-खण्ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह बने।

 

तलवारबाजी के माहिर

यादव उज्जैन में कई अवसरों पर लट्ठ और तलवारबाजी के जौहर दिखा चुके हैं। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समय से ही शहर में निकलने वाले जुलूस और जलसों में अखाड़ों के साथ तलवारबाजी और लट्ठ का प्रदर्शन करते हैं। खेलों में खास दिलचस्पी है। मध्यप्रदेश कुश्ती एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष और मप्र ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष भी हैं। यादव के पास एक बंदूक और एक रिवाल्वर का लाइसेंस है।

 

मोहन मुख्यमंत्री बन गए हैं, यह तो अच्छी खबर है। बहुत अच्छा लग रहा है। उसने बहुत मेहनत की है। मेरा आशीर्वाद है।

– पूनमचंद यादव, पिता (102 वर्ष)

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