बारिश का मौसम पौधरोपण के लिए उपयुक्त
बारिश का शुरुआती मौसम पौधरोपण के लिए उपयुक्त होता है। प्रदेश को हराभरा बनाने के उद्देश्य से पत्रिका द्वारा पौधरोपण का अभियान शुरू किया गया है। पत्रिका के हरित प्रदेश अभियान के साथ रविवार को रूपांतरण संस्था, उज्जैन वाले, हरिओम वृक्ष मित्र समूह व विक्रम विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने गणित अध्ययनशाला परिसर में पौधरोपण किया। सुबह 8 बजे से शुरू हुए पौधरोपण में दो फीट से अधिक ऊंचाई के 150 से ज्यादा पौधे रोपे गए। साथ ही अगले सप्ताह भी पौधरोपण करने की कार्य योजना बनाई।
रोपण के साथ रखी प्रकृति प्रेम की नींव
क्या बच्चे, क्या महिला और क्या बुजुर्ग, पौधरोपण में हर किसी ने उत्साह से भागीदारी की। अपने हाथों पौधे लगाने का एक अलग ही सुकून लोगों के चेहरों पर दिखाई दिया। पौधरोपण के लिए कई लोग परिवार के बच्चों को भी साथ लेकर पहुंचे। युवा जहां पौधरोपण के लिए गड्ढे खोद रहे थे वहीं बच्चे पौधे लाने में हाथ बंटा रहे थे। उत्साहित बच्चों ने पौधरोपण में हर संभव भागीदारी की। इससे जहां पर्यावरण सरंक्षण में उनका सहयोग मिला वहीं उनमें भी कम उम्र से ही प्रकृति पे्रम का बीज रोपित हुआ।
यह रहे शामिल
पौधरोपण करने वालो में कुलदीप मुंडे, जितेंद्र जैन, प्रशांत साठे, नवनीत सिकरवार, लोकेंद्र शास्त्री, स्वदेश अग्रवाल, भूपेंद्र गुलाटी, रजनीश व्यास, संजय व्यास, पीयूष, संदीप दिलीप पंवार, लकी, लोकेश, नीरज, प्रशांत, मनोहर शर्मा, अमिताभ मनीष, पूजा आदि शामिल थे।
हम करेंगे संरक्षण
पौधरोपण के साथ ही इनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी ली है। अध्ययनशाला के विद्यार्थियों को एक-एक पौधा गोद दिया जाएगा। वे इसकी नियमित देखभाल करेंगे। यदि इसमें कोई समस्या आती भी है तो डिपार्टमेंट प्रशासन पौधों का संरक्षण करेगा।
– डॉ. संदीप तिवारी, एचओडी गणित अध्ययनशाला
पौधरोपण के लिए हम दृढ़ संकल्पित
पौधरोपण के लिए विक्रम विश्वविद्यालय दृढ़ संकल्पित है। पौधे लगाने के साथ ही उनका संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। विवि परिसर में उपलब्ध सुरक्षित स्थानों पर पौधरोपण किया जाएगा।
– डॉ. राकेश ढंड, संकाय अध्यक्ष विक्रम विवि
पौधरोपण तो काफी होते थे, संरक्षण में लोग आगे आ रहे हैं
संस्था द्वारा वन विभाग के सहयोग से तीन वर्ष में डेढ़ लाख पौधे रोपे जा चुके हैं। पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है लेकिन जो एक कमी थी उस पर कम ही ध्यान दिया जाता था। पौधरोपण के लिए हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग आते हैं लेकिन संरक्षण पर कोई ध्यान नहीं देता। इस कमी को दूर करने का प्रयास किया, जिसमें स्कूली विद्यार्थियों का विशेष सहयोग मिला। पौधरोपण के साथ धीरे-धीरे पौधों के संरक्षण के लिए भी जनभागीदारी बढ़ रही है जो सुखद संकेत है। वर्तमान में सौ से अधिक लोगों का समूह तैयार है, जो हर सप्ताह पौधों की निगरानी और संरक्षण के लिए कार्य करते हैं। पौधरोपण के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है। – राजीव पाहवा, रूपांतरण संस्था प्रमुख
प्रकृति के लिए समय निकालना आवश्यक
पर्यावरण का सुरक्षित भविश्य ही मानव व अन्य जीवों के भविष्य को सुरक्षित बनाएगा। पर्यावरण के लिए सप्ताह के एक दिन कुछ समय निकालना होगा, इससे आनंद की भी अनुभूति होगी। बच्चों को इस पुनीत कार्य से जोडऩे की आवश्यकता है ताकि कम उम्र में ही उनमें पर्यावरण संरक्षण का भाव बन जाए।
– अजय भातखंडे, हरिओम वृक्ष मित्र समूह