3 करोड़ से बनने वाले नाला निर्माण में फंसा ये पेंच
प्राधिकरण को नाले की सरकारी जमीन आवंटित नहीं, नाले की लागत भी ज्यादा
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उज्जैन . उज्जैन विकास प्राधिकरण की ओर से नानाखेड़ा स्टेडियम के पास के नाले निर्माण का मामला विवादों में फंस गया है। करीब ३ करोड़ रुपए से बनने वाले नाले की जमीन सरकारी होकर प्राधिकरण को अभी आवंटित नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि पूर्व जमीन विवाद के चलते ही यूडीए ने नाला निर्माण अधूरा छोड़ दिया था। वहीं नाले निर्माण की लागत पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतना महंगा नाला क्यों बनाया जा रहा है।
पिछले दिनों प्राधिकरण में नानाखेड़ा स्टेडियम के पीछे से निकल रहे नाला निर्माण की स्वीकृति बोर्ड बैठक से ली गई थी। करीब १०० मीटर लंबे बनने वाले इस नाले निर्माण की प्रारंभिक टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। वही इस निर्माण पर आपत्ति उठ रही है कि जिस जगह से नाला निकल रहा है वह सरकारी जमीन है। सरकार से जमीन मिले बगैर प्राधिकरण कैसे निर्माण कर सकता है। वहीं इसके पास की जमीन भी विवादित होकर कोर्ट में विचाराधीन है। बताया जा रहा है कि इसी वजह से पूर्व में नाले निर्माण का काम अधूरा छोड़ दिया गया था। इसके अलावा नाला निर्माण पर ३ करोड़ से ज्यादा राशि खर्च की जा रही है। दरअसल नाले की इतनी लागत के पीछे इसे एरन का नहीं बनाते हुए आरसीसी का बनाया जा रहा है। वहीं इसे ढंका भी जाएगा। यूडीए कर्मचारी ही बता रहे है कि आगे का नाला का एरन का बना है तो फिर इसे अब आरसीसी का क्यों बनाया जा रहा है। अगर एरन का नाला बनता है तो इसकी लागत कम बैठेगी। यही नहीं, नाले के ढंकने की भी आवश्यकता नहीं है। कर्मचारियों की माने तो इंदौर से आए अधिकारी यूडीए के बजटीय प्रावधान को ध्यान में रखे बड़े लागत के प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं, जिससे आने वाले समय में यूडीए की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। यूडीए सीइओ सोजानसिंह रावत का कहना है कि नाले की जमीन भले ही सरकारी है लेकिन हम निर्माण कर सकते हैं। नाले को एरन की बजाय आरसीसी का बना रहे और इसे ढंक भी रहे, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
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