इस संबंध में बातचीत करने पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्र देवब्रत ने बताया कि सेंटर में पढ़ने वाले छात्रों के अंगुलियों के निशान लिए जा रहे हैं। जिससे प्लास्टिक के कंप्यूटराइज नकली फिंगरप्रिंट बनाए जा रहे हैं। इनका प्रयोग अटेंडेंस लगाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र संचालकों द्वारा कौशल विकास केंद्र बंद होने की जानकारी दी जा रही है।
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फिसले कर दी जाएगी ट्रेनिंग
देवव्रत ने बताया कि अब फीस लेकर प्रशिक्षण देने की जानकारी दी जा रही है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस सेंटर संचालक को थाना ले आई। पुलिस ने बताया जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी। मौके पर भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, विकास आयुक्त का कार्यालय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम का प्रतिभागिता प्रमाण पत्र भी मौके पर दिखाई पड़ा।