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भारत- नेपाल सीमा पर 770 करोड़ की लागत से बनेगी 83 KM सड़क, जुड़ेंगे ये सात जिले

भारत- नेपाल सीमा पर सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस सड़क का काम 3 साल से रुका पड़ा था। अब 770 करोड़ की लागत से 83 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण का कार्य शुरू होने जा रहा है। सीमा सुरक्षा के साथ इन सात जिलों को यह सड़क जोड़ेगी।

बलरामपुरApr 20, 2024 / 07:29 pm

Mahendra Tiwari

India Nepal border 83 kilometer road built

भारत नेपाल सीमा पर सड़क निर्माण के लिए अधिकारियों के साथ बैठक करते डीएम

भारत नेपाल सीमा पर बलरामपुर जिले में वन और लोक निर्माण विभाग की कुछ अड़चनों के चलते 3 साल से इस सड़क का निर्माण नहीं हो रहा था। डीएम के विशेष प्रयास से समस्याओं का समाधान होने के बाद सड़क निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई है। डीएम ने भूमि खरीद के लिए दर का निर्धारण कर दिया है। भूमि खरीदने के लिए शासन से 9 करोड रुपए का बजट भी मिल गया है। 770 करोड़ की लागत से बनने वाली यह सड़क यूपी के 7 जिलों को जोड़ेगी।
भारत-नेपाल सीमा पर सड़क बनने का कार्य पिछले तीन साल से रूका हुआ था। उसेे पूरा करने के लिए विधिक बाधओं को दूर कराते हुए डीएम ने कई चक्र की बैठकों के बाद सड़क निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। डीएम अरविंद सिंह ने पहले से प्रस्तावित 83 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य की औपचारिकताएं पूर्ण करा ली हैं। सड़क निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू होने जा रहा है। यह सड़क प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज सहित 7 जिलों की 594 किमी लम्बाई को जोड़ेगी। बलरामपुर जिले में कंचनपुर-गंधेलका तक कुल 83 किमी लम्बी सड़क बनेगी। सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण भारत-नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े गांवों को 83 किमी अच्छी सड़क मिलने जा रही हैं। जिससे वन क्षेत्रों और सीमा निगरानी मजूबत होगी। अभी तक इस सड़क के निर्माण का कार्य वन विभाग से एनओसी न मिलने के कारण 7.4 किमी निर्माण के बाद कार्य तीन साल पहले रूक गया था। प्रकरण संज्ञान में आने पर डीएम ने वन विभाग और अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग बार्डर एरिया के साथ बैठक कर निर्माण कार्य में आने वाली समस्त दिक्कतों को पिछले 5 माह में कई चक्र की बैठकें कीं तथा शासन स्तर पर भी पैरवी करते हुए समस्याओं को दूर कराया। शनिवार 20 अप्रैल को सड़क निर्माण के लिए भूमि खरीद के लिए दर निर्धारण एवं अन्य कार्यवाही करने के आदेश पारित कर दिये हैं। डीएम ने बताया कि इसमें वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में 35.20 किमी, रिजर्व फारेस्ट एरिया में 47.80 किमी शेष गैर वन्य क्षेत्र में सड़क का निर्माण होगा। इससे 452 वर्ग किलोमीटर में फैले सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग के बेशकीमती पेड़ों की निगरानी में आसानी होगी। तथा सुरक्षा बलों को मजबूती मिलेगी।

केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

इंडो-नेपाल बार्डर सड़क निर्माण परियोजना से केंद्र के गृह मंत्रालय ने प्रस्ताव मंजूरी दी है। इसमें सशस्त्र सीमा बल 9 वीं और 50वीं वाहिनी की 21 चौकियां जुड़ेंगी। इस सड़क से पहले 7.2 किलोमीटर सड़क का निर्माण सिद्वार्थनगर जिले से बलरामपुर सीमा तक हो चुका है। जिससे तीन एसएसबी की चौकियां जुड़ी हैं। अब 18 चौकियों को भी मार्गों से जोड़ा जाएगा। नए मार्ग के बनने से सड़क की लंबाई 90.3 किलोमीटर हो जाएगी। इंडो नेपाल बार्डर लोक निर्माण विभाग ने निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह सड़क कंचनपुर से गंधेला नाका तक बनेगी।

तीन भागों में होगा सड़क का निर्माण कार्य

सड़क का निर्माण तीन चरणों में होगा। पहले भाग में 35.200 किलोमीटर लंबी सड़क पर 329.80 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दूसरे भाग में 354.12 करोड़ रुपये से 37.355 किमी. लंबी सड़क का निर्माण होगा। तीसरे भाग में 10.5 किमी. सहित कुल 83.050 किमी सड़क निर्माण पर 770.24 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

जिलाधिकारी ने संयुक्त सर्वे में पेड़ों की भी गिनती शामिल करने के दिये निर्देश

जिलाधिकारी ने संयुक्त सर्वे टीम को निर्देश दिये थे कि संयुक्त सर्वे में वन क्षेत्र का सर्वे और पेड़ों की गिनती भी शामिल की जाय। संयुक्त निरीक्षण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। 26 किमी. लंबाई में पेड़ों की गिनती पूरी हो चुकी है। सड़क निर्माण कार्य जो तीन साल पहले रूक गया था। अब उसे शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है।

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