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वाराणसी

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से होंगे ये बदलाव, जाने कैसी होगी कानून व्यवस्था

कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के साथ ही जिले में पुलिस कप्तान का पद खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही कानून व्यवस्था में कई अन्य तरह के बदलाव भी होंगे।

वाराणसीMar 26, 2021 / 12:09 pm

Karishma Lalwani

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से होंगे ये बदलाव, जाने कैसी होगी कानून व्यवस्था

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से होंगे ये बदलाव, जाने कैसी होगी कानून व्यवस्था

वाराणसी. लखनऊ और नोएडा के बाद प्रदेश सरकार ने कानपुर और बनारस के लिए पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को मंजूरी दे दी है। कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है जिसका कई अफसरों ने स्वागत किया है। कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के साथ ही जिले में पुलिस कप्तान का पद खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही कानून व्यवस्था में कई अन्य तरह के बदलाव भी होंगे। कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 और 107/16 के तहत पाबंद किए जाने के लिए एक पुलिस कोर्ट बनेगी। इसमें पुलिस के कानून-व्यवस्था संबंधित मिले अधिकारों को अनुपालन कराने के लिए निर्णय होगा। बाकी अन्य आपराधिक मामलों के लिए अदालत में ही सुनवाई होगी।
कानून व्यवस्था में होंगे बदलाव

राजधानी लखनऊ में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के साथ ही 11 आईपीएस अफसरों की तैनाती की गई थी। वाराणसी में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने का निर्णय लेने के बाद संभावना जताई गई है कि यहां भी आईपीएस अफसर तैनात किए जाएंगे। हालांकि, वाराणसी में लखनऊ के मुकाबले थाने कम हैं इस कारण यह माना जा रहा है कि यहां कम आईपीएम की तैनाती होगी। इन सभी के लिए कार्यालय, वाहन, आवास सहित अन्य संसाधनों की जल्द ही व्यवस्था करनी पड़ेगी। इसके अलावा थानेदारों, क्षेत्राधिकारियों और एडिशनल एसपी को भी कमिश्नरेट सिस्टम की आधारभूत जानकारी देकर उन्हें उनकी शक्तियों, अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में प्रशिक्षित करना होगा।
18 थानों के मुखिया पुलिस कमिश्नर

वाराणसी में 18 थानों के मुखिया पुलिस कमिश्नर होंगे। वाराणसी कमिश्नरेट में आदमपुर, रामनगर, मंडुवाडीह, भेलूपुर, लंका, सिगरा, कैंट, जैतपुरा, शिवपुर, सारनात, दशाश्वमेध, लक्सा, चौक, पर्यटक, पांडेपुर और महिला थाना रहेंगे। वहीं जिले के ग्रामीण इलाके के रोहनिया, जंसा, लोहता, बड़ागांव, मिर्जामुराद, कपसेठी, चौबेपुर, चोलापुर, फूलपुर और सिंधौरा थाने के मुखिया के तौर पर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधीक्षक तैनात किए जाएंगे। इस तरह से जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कानून व्यवस्था में जिलाधिकारी का दखल पूर्व की भांति यथावत रहेगा।
अफसरों ने किया स्वागत

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने का अफसरों ने स्वागत किया है। आईपीएस विजय सिंह मीना ने योगी सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि इससे पुलिस के समय की बचत होगी और उसका लाभ आमजन को मिलेगा। प्रदेश के दो शहरों में साल भर से लागू कमिश्नरेट सिस्टम की आज सभी प्रशंसा कर रहे हैं। बनारस जैसे महत्वपूर्ण शहर में भी इस सिस्टम के सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। इसी तरह एडीजी जोन बृज भूषण ने कहा कि कानून व्यवस्था से जुड़े ज्यादातर मामलों में स्थिति इसलिए अनियंत्रित हो जाती है क्योंकि पुलिस के पास तत्काल निर्णय लेने के अधिकार नहीं होते हैं। कमिश्नरेट सिस्टम में पुलिस निरोधात्मक कार्रवाई के लिए खुद मजिस्ट्रेट की भूमिका में होगी। निरोधात्मक कार्रवाई का अधिकार पुलिस को मिलेगा तो आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर जल्दी प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी और उनमें कानून का भय व्याप्त होगा।
बनारस के लिए महत्वपूर्ण

आईपीएस अमित पाठक ने पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को बनारस के लिए महत्वपूर्ण दिन बताया। उन्होंने कहा कि कमिश्नरेट सिस्टम से बनारस के लोग आगामी दिनों में पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव महसूस करेंगे। कई कार्यों में आमजन की भागदौड़ कम होगी और उनका समय बचेगा। देश के महत्वपूर्ण महानगरों में से एक बनारस के लिए प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था के लिहाज से एक बड़ी सौगात दी है।
गौरतलब है कि पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को ब्रिटिश हुकूमत ने पुलिस एक्ट, 1861 के अस्तित्व में आने से पहले ही तत्कालीन बंबई, कलकत्ता और चेन्नई शहर में लागू कर दिया था। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम वर्ष 1977-79 में लागू हुआ था। वर्तमान में देश में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम का प्रावधान 10 लाख या इससे ज्यादा की आबादी वाले शहर के लिए किया गया है। इसके लिए गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने वर्ष 2005 में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी थी।
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