script#KeyToSuccess वेस्ट चीजों से बनायी ऐसी ईट, जो बारिश का पानी व्यर्थ नहीं जाने देगी | BHU Civil Engineering student special Paver block in Varanasi | Patrika News
वाराणसी

#KeyToSuccess वेस्ट चीजों से बनायी ऐसी ईट, जो बारिश का पानी व्यर्थ नहीं जाने देगी

बीएचयू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शोध छात्रों का कमाल, भविष्य में नहीं होगी पानी की कमी

वाराणसीOct 17, 2019 / 06:58 pm

Devesh Singh

Paver block

Paver block

वाराणसी. बीएचयू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शोध छात्रों ने एक करामाती ईट तैयार की है जो बारिश के पानी को व्यर्थ जाने नहीं देगी। सड़क बनाने के बाद बची हुए वेस्ट चीजों का उपयोग करके यह ईट बनायी गयी है जिससे प्राकृतिक संसाधन का दोहन भी रुकेगा। दो से तीन माह में छात्रों का प्रोजेक्ट पूरा हो जाने के बाद सरकार को भी इन ईट से जुड़ी जानकारी भेजी जायेगी। इससे ईट का व्यापक स्तर पर प्रयोग सुनिश्चित हो पायेगा।
यह भी पढ़े:-#KeyToSuccess दुनिया के एकमात्र वकील जो संस्कृत भाषा में 41 साल से लड़ रहे मुकदमा, विरोधियों के पास नहीं होता जवाब
सिविल इंजीनियरिंग विभाग के डा.निखिल साबु की देखरेख में उनकी टीम ने यह खास ईट तैयार की है। डा.निखिल ने बताया कि सड़क से लेकर ईट बनाने तक में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाता है इससे प्राकृतिक संसाधनों का अधिक दोहन हो रहा है। हम लोगों ने वेस्ट चीजों से पेवर ब्लॉक ईट बनायी है। पहले भी पेवर ब्लॉक ईट पर काम हुआ है लेकिन किसी ने वेस्ट चीजों से ऐसी ईट नहीं बनायी है। उन्होंने बताया कि ईट बनाने में अधिक समय नहीं लगता है लेकिन वेस्ट चीजों को तैयार करने में अधिक वक्त लगता है। एक बार ईट बनाने के लिए कच्चा माल तैयार हो जाता है तो आधे से एक घंटे में ईट तैयार हो जाती है।
यह भी पढ़े:-नहीं देखी होगी प्रभु हनुमान की ऐसी प्रतिमा, आखिर साल में एक दिन क्यों खुलता है इस मंदिर का पट
जानिए क्यों खास है यह अनोखी ईट
डा.निखिल ने कहा कि मानसून के समय बारिश का अधिकांश पानी नाली से बह जाता है। सरकार रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम कर रही है यह सिस्टम महंगा है, जिसके चलते सभी जगहों पर इसका उपयोग संभव नहीं हो पा रहा है। हमारी ईट से गलियों के पानी को भी बचाया जा सकता है। बारिश का पानी इन ईट के जरिय छनते हुए ड्रेन तक जायेगा। इसके बाद डे्रन के जरिए एक बड़ी टंकी में स्टेार होगा। खास तरह की ईट होने के चलते पानी साफ होकर ड्रेन तक पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि जमा किये हुए पानी का खेती से लेकर अन्य चीजों में आसानी से उपयोग किया जा सकता है। पीने लायक पानी के प्रश्र पर कहा कि यह वाटर प्यूरीफायर नहीं है इसलिए जमा हुआ पानी को पीने लायक बनाने के लिए खास प्रोसेस करना होगा। डा.लिखिल ने कहा कि यह ईट मजबूत है लेकिन जहां पर भारी वाहन चलते हैं वहां पर इसका उपयोग नहीं होगा। फुटपाथ से लेकर वाहनों की पार्किंग जगह पर इन ईट का उपयोग किया जायेगा। ऐसा करके हम बारिश का पानी व्यर्थ होने से बचा पायेगा। आम लोगों को ईट उपलब्ध कराने के प्रश्र पर कहा कि थोड़ा काम बाकी है जो दो से तीन माह में पूरा हो जायेगा। इसके बाद इंटरनेशल पत्रिका में अपना शोध पत्र प्रकाशित करायेंगे। इसके बाद भारत सरकार को प्रोजेक्ट से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी।
यह भी पढ़े:-शरीर में बनवाया है टैटू तो यहां नहीं मिलेगी नौकरी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो