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वाराणसी

काशी विश्वनाथ मंदिर की गड़बड़ियों को दूर करने के लिए बुलाई जाएगी आला अफसरों की बैठक: कमिश्नर वाराणसी

पत्रिका और दूसरे सूत्रों के ज़रिए मुझे हुई थी जानकारी-दीपक अग्रवाल, कमिश्नर, वाराणसी

वाराणसीAug 26, 2018 / 08:45 am

sarveshwari Mishra

Commissioner Deepak Agrawal

कमिश्नर दीपक अग्रवाल

वाराणसी. देश के बेहद संवेदनशील धार्मिक स्थलों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर की अव्यवस्था पर पत्रिका में छपी खबर को वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने गंभीरता से लेते हुए एडीजी पुलिस वाराणसी, एडीजी सुरक्षा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सहित शासन स्तर पर बात की है. काशी विश्वनाथ की चरमराती, चिंताजनक व्यवस्था को लेकर मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल से बातचीत की विशेष संवाददाता अनुराग मिश्रा ने।
पत्रिका-कमिश्नर साहब, काशी विश्वनाथ जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर दूर दराज से आनेवाले श्रद्धालु बदतमीजी का सामना कर रहे हैं, क्या छवि लेकर जाते होंगे?
दीपक अग्रवाल- राजस्थान पत्रिका और हमारे इंटेलिजेंस के ज़रिए मुझे गड़बड़ियों के बारे में जानकारी हुई है, ये बेहद अफसोस की बात है, मैंने इस बारे में शासन स्तर पर बात की है।
मंदिर की सुरक्षा को लेकर अलग अलग स्तर पर ज़िम्मेदार अफसरों से इस बारे में मेरी बात बात हुई. मैंने एडिश्नल डायरेक्टर जनरल सिक्योरिटी से आग्रह कर रहा हूं कि वो उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाएं जिससे विश्व में बेहद महत्वपूर्ण माने जानेवाले काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा सहित अन्य कमियां फौरन दूर की जा सकें।
पत्रिका-ये देखा गया है कि पुलिस की तरफ से मंगला आरती में आनेवाले लोगों और श्रद्धालुओं से बहुत बुरा व्यवहार होता है. पुलिस निरंकुश की तरह व्यवहार करती है?
दीपक अग्रवाल- ये सही है और निश्चित रूप से मैेने पहले भी कहा है कि पुलिस का रोल डिफाइन होना ही चाहिए। सिक्योरिटी का एंगल तो है लेकिन इसका ये कत्तई मतलबन नहीं कि किसी के साथ किसी प्रकार की अभद्रता की जाए और दूर से आनेवाले लोगों को इस बात का अफसोस हो कि वो यहां क्यों आ गए. मैं दिल्ली से वापस जाते ही पहली प्राथमिकता पर इस विषय को लेने वाला हूं।
पत्रिका- पड़ताल में ये सामने आया है कि सिफारिश से या लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मी भी गड़बड़ियों के लिए ज़िम्मेदार हैं?


दीपक अग्रवाल- जी मैंने पत्रिका में पढ़ा और मैंने एडीजी पुलिस वाराणसी पीवी रामा शास्त्री साहब से अनुरोध किया है कि जो लंबे समय से तैनात हैं उन्हें फौरन हटाया जाए, उनकी जगह नए लोगों को लाया जाए जिससे किसी का भी चाहे वो पुलिस कर्मी हों या मंदिर प्रशासन के लोग वहां वर्चस्व ना बना पाएं।
पत्रिका-टिकट का रेट बढ़ा कर जितनी जगह उससे ज्यादा लोगों को आरती के दौरान प्रवेश दिया जा रहा है। इससे अफरा तफरी हो रही है, मुख्य कार्यपालक को इस बारे में कोई निर्देश दिया आपने?

दीपक अग्रवाल- मुख्य कार्यपाल अधिकारी को कहा है कि दर्शन करवाने का जो सिस्टम है जिम्मेदारी है अब मंदिर प्रशासन देखेगा, पुलिस नहीं. पुलिस सुरक्षा देखेगी. सीईओ काशी विश्वनाथ को कहा है कि मंदिर प्रशासन के लोगों को भी इस बात का निर्देश दें कि किसी भी श्रद्धालु के साथ बदसलूकी की सूरत में कड़ा दण्ड दिया जाए।
पत्रिका-सीमित जगह और ज्यादा लोगों को प्रवेश, पूरी आरती और पूजन के दौरान अफरा तफरी मची रहती है, एक के साथ 5-5 लोगों को मंदिर प्रशासन प्रवेश करने देता है।


दीपक अग्रवाल- बिल्कुल सही कहा आपने, यूनिफॉर्म कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर है, अब जितनी जगह है वो निर्धारित करके उतने ही टिकट काटे जाएंगे. वो ऑनलाइन है, आरती के दौरान ज्यादा लोगों को मंदिर में घुसने नहीं दिया जाएगा।
पत्रिका-प्रसाद की जो व्यवस्था है वो भी काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की मेहरबानी से बंदर बांट किया जाता है, मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इस बारे में कोई निर्देश देंगे।

दीपक अग्रवाल- मैंने निर्देश दे दिए हैं अब टोकन से प्रसाद दिया जाएगा जिससे प्रसाद की बंदर बांट को रोका जा सके।

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