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वाराणसी

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में इस सत्र से मिलेगी पांच वर्षीय विधि की पढ़ाई की सौगात

बार कांउसिल में मान्यता के लिए जमा हुई फीस, इंटर के बाद सीधे मिलेगा प्रवेश

वाराणसीJun 07, 2019 / 04:48 pm

Devesh Singh

Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith

Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith

वाराणसी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में इस सत्र से पांच वर्षीय विधि की पढ़ाई की सौगात मिल सकती है। काशी विद्यापीठ प्रशासन ने मान्यता के लिए बार काउंसिल में फीस जमा की है इसी माह टीम आने की संभावना है। विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि उसके पास आधारभूत संरचना है इसलिए मान्यता मिलने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए।
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विधि की पढ़ाई की बहुत डिमांड है। अभी तक काशी विद्यापीठ में स्नातक के बाद ही प्रवेश का अवसर मिल पाता है लेकिन अब इंटर पास करने के बाद भी छात्र व छात्रा विधि कर सकते हैं। इंटर के बाद विधि में प्रवेश लेने से छात्रों को बड़ा फायदा मिलता है। तीन साल स्नातक व तीन साल विधि की पढ़ाई करने में छह साल का समय लग जाता था लेकिन इंटर पास करने के बाद सीधे पंाच वर्षीय विधि में प्रवेश लेने से पांच साल में ही छात्र व छात्राओं को विधि की डिग्री मिल जाती है। इससे छात्रों को प्रवेश के लिए दो बार भागदौड़ भी नहीं करनी होगी।
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काशी विद्यापीठ में चलेंगे पांच वर्षीय विधि के दो सेक्शन
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पांच वर्षीय विधि की दो सेक्शन चलाने के लिए मान्यता मांगी गयी है। एक सेक्शन में 60 छात्र अध्ययन कर सकेंगे। इस तरह दो सेक्शन के लिए 120 सीटों के लिए मान्यता लेेने की तैयारी है। परिसर में वर्षो पहले पांच वर्षीय विधि की पढ़ाई होती थी लेकिन आधारभूत सुविधाओं के आभाव में उसे बंद करना पड़ा था लेकिन अब विधि संकाय का अपना भवन व मूट कोर्ट तक बन चुके हैं इसलिए मान्तया मिलने में समस्या नहीं होनी चाहिए।
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काशी विद्यापीठ ने दिया सात लाख लेट पेमेंट
काशी विद्यापीठ प्रशासन ने सात लाख लेट पेमेंट दिया है। दिसम्बर में बार कांउसिल से मान्यता के लिए फीस जमा की गयी होती तो पांच लाख में ही काम चल जाता। विश्वविद्यालय प्रशासन ने लेट में फीस जमा किया है इसलिए 12 लाख रुपये बार काउंसिल में जमा कराने पड़े हैं। विधि संकाय के डीन प्रो.चतुभुर्ज तिवारी ने कहा कि बार काउंसिल से मान्यता लेने के लिए फीस जमा कर दी गयी हे। जून में बार काउंसिल की टीम निरीक्षण के लिए आ सकती है उसके बाद पूरी उम्मीद है कि पांच वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम इसी सत्र से आरंभ हो जायेगा।
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