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वाराणसी

प्रचंड जीत के बाद बनारस पहुंचे नरेंद्र मोदी ने बताया जीत का मंत्र

जो बोले नरेंद्र मोदी-राजनीतिक पंडितों को लिया निशाने पर-कार्यकर्ताओं का बढ़ाया हौसला-विपक्ष का नाम लिए बिना किया हमला-बताया यूपी ने दी है राजनीति की नई दिशा-रखी है स्वस्थ्य लोकतंत्र की नींव

वाराणसीMay 27, 2019 / 04:45 pm

Ajay Chaturvedi

नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी

डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी

वाराणसी. प्रचंड जीत के बाद सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे नरेंद्र मोदी ने पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में करीब 45 मिनट तक बाबा का अभिषेक किया। 101 श्वेत कमल फूल की माला अर्पित कर देश में शांति व समृद्धि का आशीर्वाद ग्रहण किया। उसके बाद बड़ा लालपुर स्थित ट्रेड फेसिलिटी सेंटर में कार्यकर्ताओं के अभिनंदन समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होने कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की। साथ ही महाविजय के मंत्र का खुलासा किया। मोदी ने राजनीतिक पंडितों पर जमकर हमला बोलते हुए उन्हें बीती सदी का बताया।
मोदी ने कहा, कि बीजेपी की जीत गुणा-भाग, गणित से अलग केमिस्ट्री है

मोदी ने इस विशाल जीत का श्रेय आम जनता और कार्यकर्ताओं को दिया। कहा कि यह चुनाव अंकगणित का नहीं केमिस्ट्री का था। लेकिन राजनीतिक पंडितों ने गुणा गणित कर गलत परशेप्शन दिया। दरअसल ये राजनीतिक पंडित 21वीं सदी के नहीं 19वीं सदी के है। कहा, दरअसल यह चुनाव गणित पर नहीं रसायन विज्ञान पर केंद्रित रहा। कहा कि हमें देश की राजनीति में अछूत समझा जाता रहा है, पर अब पूरे देश में हमारा वोट प्रतिशत बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि यह सही है कि ‘चुनाव परिणाम गणित पर आधारित होता है, लेकिन देश के राजनीतिक पंडितों को यह नहीं समझ आया कि गणित के आगे केमिस्ट्री होती है। देश में समाज शक्ति की केमिस्ट्री, आदर्शों और संकल्पों की केमिस्ट्री किसी भी अंकगणित को पराजित कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि राजनीतिक पंडितों को सोचना होगा कि परशेप्शन क्रिएट करने वाली कोशिशों को भी पारदर्शिता और परिश्रम से हराया जा सकता है। हमने ये साबित किया है कि, पारदर्शिता और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। हम लोगों को लगता है कि सरकार और संगठन के बीच में तालमेल बहुत बड़ी ताकत होती है। बीजेपी ने सफलतापूर्वक इसे साकार किया है। सरकार नीति बनाती है और संगठन रणनीति। नीति और रणनीति का तालमेल सरकार और संगठन के तालमेल का प्रतिबिंब होता है।’ मोदी ने कहा कि यह चुनाव सदियों तक याद किया जाएगा। उन्होंने दूसरे दलों और निर्दल प्रत्याशियों का अभिनंदन किया। कहा इस लोकतंत्र के उत्सव में उनका योगदान भी कमतर नहीं।
कहा कि राजनीतिक पंडितों की सोच 21 वीं सदी वाली नहीं पीएम ने बताया, ‘यहां की बेटियों ने जो स्कूटी निकाली उसकी सारे देश में चर्चा है, यहां की बेटियों ने पूरी काशी को अपने सिर पर ले लिया था। आज कोई रोड शो नहीं था, लेकिन फिर भी लोग सड़कों पर अपना आशीर्वाद देने पहुंचे। आज मैं भले ही काशी से बोल रहा हूं, लेकिन पूरा उत्तर प्रदेश अभिनंदन का अधिकारी है। आज यूपी लोकतंत्र की नींव को और मजबूत कर रहा है। यूपी ने 1977 में सभी बंधन तोड़कर देश को दिशा दी थी। लेकिन 2014, 2017 और 2019 की हैट-ट्रिक छोटी नहीं है। यहां के लोग भारत के भविष्य की दिशा तय भी करता है। यूपी के 14, 17 और 19 के चुनावों ने देश को व्यवस्था में बदलाव के दर्शन कराए हैं। अब भी राजनीतिक पंडितों की आंख नहीं खुलती हैं तो इसका मतलब है कि उनकी सोच 21वीं सदी की नहीं बल्कि पुरानी की सदी की है।’
बताया कि ‘जो स्नेह और शक्ति मुझे काशी से मिली है वैसा सौभाग्य शायद ही किसी को मिला हो। यहां लोगों ने एक प्रकार से चुनाव को लोकोत्सव बना दिया। यहां अपनत्व का भाव बहुत ज्यादा था। यहां जब नामांकन से पहले कार्यकर्ताओं से मिलना हुआ था, तो मैंने कहा था कि भले ही नामांकन एक नरेंद्र मोदी का हुआ होगा। लेकिन चुनाव लड़ने का काम हर घर के नरेंद्र मोदी ने किया। इस पूरे चुनाव अभियान को आपने बेहतर ढंग से चलाया। इस प्रकार का चुनाव होता है तो लगता है कि अब तो जीतने ही वाले हैं। मैं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने इस चुनाव को जय-पराजय से नहीं तोला और इसे लोक शिक्षा का पर्व माना।’
कहा कि ‘पार्टी और कार्यकर्ताओं के आदेश का पालन करने का मैं पूरा प्रयास करता हूं। एक माह पहले (25 अप्रैल) जब काशी ने विश्वरूप दिखाया था, उसने पूरे हिंदुस्तान को प्रभावित किया था। देश ने भले मुझे पीएम बनाया हो, लेकिन काशी के लिए मैं कार्यकर्ता हूं। मेरे लिए आपका आदेश सर-आंखों पर है। यहां के चुनाव से पहले मन में आता था कि एक बार काशी हो आऊं, लेकिन आपका आदेश था कि काशी से मैं निश्चिंत हो जाऊं, तो मैं इस बाबा की जगह दूसरे बाबा के चरणों में पहुंच गया।’
जिसे मिला उसका हक, जिसे नहीं मिला उसे मिलने वाला है पीएम ने कहा, ‘सरकार ने काम किया, लेकिन कार्यकर्ता ने विश्वास पैदा किया कि अभी तो यह शुरुआत है। जिसे नहीं मिला, उसे मिलने वाला है और जिसे मिला है वह उपकार नहीं उसका हक है। यह सरकार और संगठन के बीच का तालमेल है। जैसे दो शक्ति हैं नीति और रणनीति, पारदर्शिता और परिश्रम, वर्क और वर्कर, वैसे हमने दो संकट भी झेले हैं।
बीजपी कार्यकर्ताओं पर हिंसा का भी जिक्र चाहे बंगाल हो या केरल, त्रिपुरा हो या कश्मीर। हमारे कार्यकर्ताओं को राजनीतिक विचारधारा के कारण मौत के घाट उतार दिया जाता है। कश्मीर में मौतें की जाती हैं, बंगाल में अभी भी रुका नहीं है। शायद ही किसी संगठन पर इतनी हिंसा हुई हो। यह हमारे सामने बड़ा संकट है।’
खत्म करें राजनीतिक छुआछूत उन्होंने कहा, ‘दूसर संकट है कि बाबा साहेब और गांधीजी ने छुआछूत को खत्म करने में अपनी जिंदगी लगा दी, लेकिन हमारे साथ राजनीतिक छुआछूत की जाती है। जो लोग अपने आप को एकता का ठेकेदार बताते हैं, उन्होंने आंध्र का विभाजन किया। वहां आज भी शांति का माहौल नहीं बन पाया है। हमने यूपी से उत्तराखंड बनाया, लेकिन शांति कायम रही। छत्तीसगढ़, झारखंड बने लेकिन शांति भंग नहीं हुई। लेकिन हमें छुआछूत का शिकार होना पड़ा।’ पीएम ने कहा, ‘ऐसी सोच वाले लोगों से मैं फिर से विचार करने का निवेदन करता हूं। कमियां हम में भी होंगी, लेकिन हमारे इरादे नेक हैं। कोई कुछ भी कह ले, आज देश के राजनीतिक तत्व में ईमानदारी से लोकतंत्र के साथ जीने वाला दल है तो वह बीजेपी है। हमें सत्ता मिलती है तो विपक्ष का अस्तित्व शुरू होता है। मैं चुनौती देता हूं कि कोई मुझे बताए कि त्रिपुरा में 30 साल तक कम्युनिस्ट सरकार थी, क्या वहां कोई विपक्ष था? हमें वहां 2 साल ही हुए हैं, वहां जानदार विपक्ष है।’
सामान्य वर्ग को मिला उसका हक पीएम ने कहा, ‘इस देश में समान्य वर्ग के लोगों को अपने हक के लिए इतना इंतजार करना पड़ा। लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण ऐसा नहीं किया गया। हमने वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठने का काम किया है। हम वोट बैंक की राजनीति पर चलते विकास संभव नहीं होता। कौन किस जाति धर्म का है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’
अयोध्या में दिवाली मनाने से किसने रोका? पीएम ने कहा, ‘ऋषियों, आचार्यों, किसान, मजदूर, शिक्षक ने इस व्यवस्था को विकसित किया है। हम दो बातों को लेकर चलने का प्रयास करते हैं। विरासत और आधुनिकता को। अयोध्या में दिवाली मनाने से कौन रोकता था। कुंभ के बारे में खराब परसेप्शन बनाया गया। 26 जनवरी को विजयपथ पर पहली बार भगवान राम को किस तरह से देखा जाता है वह लोगों ने देखा। हम संस्कृति को जितना महत्व देते हैं, उसी तरह आधुनिकता का भी महत्व है। जरूरी नहीं है कि पुराना तोड़कर ही नया बनाया जा सकता है।’
हर राज्य में बढ़ा हमारा वोट प्रतिशत पीएम ने कहा, ‘देश का कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां बीजेपी का वोट बैंक नहीं बढ़ा। कर्नाटक में हम सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन हमें सिर्फ हिंदी हार्टलैंड की पार्टी कहा जाता है। देश का नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करे तो किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा।
पीएम ने कहा कि हमें यह भाव पैदा करना है कि जो भी सरकारी है, वह भारत के हर नागरिक का है। अपने स्कूटर को चमकाते हैं, लेकिन सरकारी बस में सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। भारत माता की जय बोलें और पान खाकर वहीं… जिस मां की जय कर रहे हैं, उसी मां को गंदा करें।’

शाह ने बनारस के साथ यूपी को दिया धन्यवाद
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्तओं से कहा, ‘मैं आज काशी में बीजेपी की तरफ से काशी और यूपी के मतदाताओं का धन्यवाद करने आया हूं। यह तय था कि मोदी काशी से प्रत्याशी होंगे। नामांकन से पहले जब मोदी के रोड शो में जनता का समर्थन देखा तो समझ गए थे कि परिणाम क्या होने वाला है।’ शाह ने कहा कि शायद ही कोई ऐसा चुनाव होगा, जब प्रत्याशी नामांकन के बाद चुनाव जीतने के बाद ही क्षेत्र में गया हो।
यूपी बना बीजेपी का गढ़’ शाह ने कहा, ‘पीएम की व्यस्तता होने के बावजूद काशी का विकास देखने लायक है। अभी एक टर्म ही पूरा हुआ है, और काशी का विकास देखिए। आने वाले पांच साल में काया बदल देंगे। मोदी जी आध्यात्म के क्षेत्र में पहचान बनाने वाला काशी विकास में भी यह अद्भुत बनेगा।’ शाह ने कहा कि योगी सरकार बीजेपी के मैनिफेस्टो के रोडमैप पर चल रही है। उन्होंने कहा, ‘लोग कहते थे यूपी में जात-पात के आधार पर चुनाव जीते जाते हैं। लेकिन अब देखिए, लोगों ने विकास के नाम पर वोट दिया है। लोग कहते थे कि मोदी जी को गठबंधन के कारण मोदी जी को बहुमत नहीं मिलेगा, लेकिन हमने 50 प्रतिशत वोट का लक्ष्य रखा और लोगों ने लक्ष्य पूरा करने में हमारी मदद की। एक बार फिर यूपी बीजेपी का गढ़ बन गया है। आने वाले 5 साल में यूपी देश के सबसे विकसित राज्यों में शुमार हो जाएगा।

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