मूल रूप से बिहार के सासाराम जिले के रहने वाले किशोरकांत तिवारी वाराणसी सामने घाट स्थित महेश नगर काॅलोनी में परिवार के साथ रहते थे। किशोरकांत ने एक एक कोशिश शुरू किया कि काशी में किसी को भूखा नहीं सोने देंगे और इसके लिये उन्होंने 2017 में वाराणसी में अपनी तरह का अनूठा रोटी बैंक बनाया। इसके जरिये गरीबों का पेट भरने की कोशिश में जुट गए। उान्होंने अपनी सोच के कुछ साथियों को लिया और शहर के शादी, ब्याह, बर्थडे पार्टी, तेरहीं और दूसरे मांगलिक कार्यों और आयोजनों का बचा हुआ भोजन जुटाकर उसे शहर के इलाकों में घूम-घूमकर गरीबों का पेट भरने में जुट गए। उनका यह कारवां और आगे बढ़ा तो उन्हें लोगों का सहयोग भी मिला और रोटी बैंक के लिये रामनगर में ताजा भोजन बनाने के लिये एक रसोईघर शुरू हो गया। बीते साल कोरोना में तो रोटी बैंक तो गरीबों के लिये मसीहा साबित हुआ। रोजाना दो हजार लोगों को रोटी बैंक ने दो वक्त की रोटी मुहैया करायी।
पर जिस कोरोना में लोगों को भूख से बचाने के लिये किशोरकांत तिवारी जद्दोजेहद कर रहे थे वह उसी कोरोना की भेंट चढ़ गए। कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थीफ पांच दिन पहले दो निजी अस्पतालों में उनका इलाज भी कराया गया। दो दिन पहले उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई और उसके बाद हालत इतनी खराब होती गई कि उन्हें बचाया नहीं जा सका। अपने निधन के कुछ दिन पहले उन्होंने फेसबुक लाइव कर लोगों को न सिर्फ जागरूक बल्कि उन्हें चेताया था कि कोरोना को हल्के में बिलकुल न लें। बनारस में पांच हजार से अधिक केस हो चुके हैं। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का प्रयोग करें। अगर आप खुद का ध्यान नहीं रखेंगे तो आपके साथ आपका परिवार भी इस कोरोना की आगोश में समा सकता है। करीब 54 मिनट का लाइव वीडियो भावुक कर देने वाला है।