scriptवाराणसी में भी यूरोप अमेरिका की तर्ज एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किये गए विशाल पेड़ | Transplant Trees First in UP Varanasi with Translocate Technique | Patrika News
वाराणसी

वाराणसी में भी यूरोप अमेरिका की तर्ज एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किये गए विशाल पेड़

योगी सरकार की पहल पर यूपी के पहले स्काई वाॅक के लिये बनाई जा रही इमारत की जगह आ रहे पुराने पेड़ों को बचाने के लिये ट्री ट्रांसलोकेशन मशीन का हो रहा इस्तेमाल। कमिश्नरी परिसर से पेड़ों को सेंट्रल जेल किया जा रहा शिफ़्ट।

वाराणसीJul 18, 2021 / 12:24 pm

रफतउद्दीन फरीद

treee transplant with translocater

शिफ्ट किये गए पेड़

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

वाराणसी. बड़ी बड़ी परियोजनाएं के रास्ते में आ रहे पेड़ों को बचाने के लिये योगी सरकार आगे आई है। वाराणसी में यूरोप और अमेरिका की तर्ज पर बड़े-बड़े पेड़ों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। इसके लिये पेड़ों को रिलोकेट करने के लिये इस्तेमाल की जाने वाली ट्री ट्रांसलोकेशन मशनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन पेड़ों को जड़ से निकालकर कमिश्नरी परिसर से सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया जा रहा है। वाराणसी कमिश्नरी परिसर में ही यूपी का पहला स्काई वाॅक बनाया जाना है इसके लिये 18 मंजिली इमारतों के दो टावर बनेंगे। इस जगह पर काफी पुराने विशाल पेड़ हैं जिन्हें बचाने के लिये सरकार ने ये कदम उठाया है।


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर काफ़ी सजग है। तरफ करोड़ों पौधे लगाकर यूपी में वनावरण को बढ़ाया जा रहा है तो दूसरी ओर पेड़ों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जा रहा है। सरकार ने निर्णय लिया है कि विकास कार्यों के बीच में आने वाले पेड़ों को काटा नहीं जाएगा बल्कि इन्हें जड़ समेत दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा। वाराणसी में पहली बार इस काम को किया जा रहा है।


इसकी शुरुआत कमिश्नरी परिसर में बन रहे 18 मंजिले टि्वन टावर की जगह पर आ रहे बड़े बड़े पेड़ों को काटने के बजाय ट्री ट्रांसलोकेशन मशीनों के जरिये वाराणसी सेंट्रल जेल परिसर में लगाया जा रहा है। शिफ्ट किये जा रहे सभी पेड़ 25 से 30 साल पुराने हैं। डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफ़िसर महावीर कौजालगी का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता हरियाली को बचाए रखना है। इस लिए ट्री स्पेड ट्रांसलोकेटर के माध्यम से पेड़ों को जड़ से निकाल कर सेंट्रल जेल में लगाया जा रहा है। आगे भी वाराणसी के हरियाली और पर्यावरण संरक्षण के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।


73 पेड़ शिफ्ट किये जाएंगे

कमिश्नरी परिसर से 73 पेड़ों को शिफ्ट किया जाना है। करीब 15 पेड़ शिफ्ट किये जा चुके हैं। इनमें मुख्य रूप से आम अमलतास, अशोक, गुलमोहर गूलर नीम आदि पौधों को शिफ्ट किया जा रहा है। क़रीब दर्जन पेड़ कम आयु बचे होने आधे से ज़्यादा सुख चुके होने के चलते स्थानांतरित नहीं किये जाएंगे।


कैसे शिफ्ट किये जाते हैं पेड़

डीएफओ कौजलीगी ने बताया कि ट्री स्पेड ट्रांसलोकेटर उपकरण कोन के आकार के होते है। इससे करीब 4 फिट निचे से पेड़ों को सुरक्षित निकाल लिया जाता है। इसके बाद पेड़ों का एंटी बैक्टीरियल व एंटी फंगस ट्रीटमेंट होता है। पर इसके पहले पेड़ जहां लगाना होता है वहां एक गड्ढा तैयार कर वहां की मिट्टी का भी ट्रीटमेंट कर लिया जाता है। इसके बाद ट्री ट्रांसलोकेटर मशीनों से विशाल पेड़ों को जड़ से उखाड़कर वहां से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाता है। ऐसे में 25 से 30 का समय इस तकनीक से बच जाता है।

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