रायगढ़। पुसौर के ग्राम लारा में संचालित एनटीपीसी के प्रभावित ओडि़सा सीमा के प्रभावित ग्राम के ग्रामिणों चार सूत्रीय मांागों को लेकर एनएच ४९ में शुक्रवार रात से धरना प्रदर्शन कर दिए। इसके कारण सड़क के दोनो ओर वाहनों का कतार लगने लगा। हांलाकि शनिवार सुबह में एनटीपीसी और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। शनिवार देर शाम प्रबंधन के आश्वासन के बाद प्रदर्शन को स्थगित करने की बात कही जा रही है। लारा में स्थापित एनटीपीसी की स्थापना के समय से ही ओडि़सा सीमा से लगे कुछ और ग्रामों के प्रभावित होने की बात सामने आ रही थी, यह मुद्दा अब उठकर सामने आने लगा है। झिलगीटार से कुछ दूरी पर बसे ओडि़सा के करीब ७ ग्राम के ग्रामीण एनटीपीसी के प्रदूषण, सीएसआर व अन्य समस्याओं को लेकर शुक्रवार की रात से एनएच ४९ में चक्काजाम कर दिए। चार सूत्रीय मांग को लेकर किए गए इस प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों का कहना था कि मांागों को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन से कई बार चर्चा किया गया, लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन आश्वासन देकर फिर से शांत हो जाती है, जिसके कारण प्रभावितों को आंदोलन का रास्ता पकडऩा पड़ा। चूंकि एनएच ४९ ओडि़सा व छत्तीसगढ़ सीमा को जोड़ता है इसलिए चक्काजाम के कारण रात से ही इस मार्ग में सीमा के दोनो ओर भारी वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। शनिवार को सुबह में सूचना मिलने पर एनटीपीसी के दो अधिकारी सहित जिला प्रशासन व लखनपुर बीडीओ प्रदर्शन स्थल पहुंचकर प्रभावितों से चर्चा किए। दोपहर बाद से शुरू हुई चर्चा में शुरूआत में तो ग्रामीण कुछ समझने को तैयार नहीं थे। बताया जा रहा है कि देर संयुक्त टीम वापस लौट गई और एनटीपीसी प्रबंधन के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है। रात करीब ७ बजे के बाद मार्ग में आवागतन शुरू होने की बात कही जा रही है। २०१७ में मिला था सीएसआर का राशि प्रभावित ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि एनटीपीसी प्रबंधन ओडि़सा के प्रभावित ७ पंचायतों के लिए वर्ष २०१७ में सीएसआर के तहत राशि प्रदाय किया था, इसके बाद से सीएसआर राशि उक्त पंचायतो को नहीं मिलने का आरोप लगाया है। फ्लाईएश डैम का राखड़ बहता है नाला में प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा बनाए गए फ्लाईएश डेम का ऐशयुक्त पानी बारिश के मौसम में इससे लगे नाले में बहकर आता है तो ओडि़सा में केलो और महानदी में मिलता है जिसके कारण पानी प्रदूषित हो रहा है। क्या कहता है प्रबंधन इस मामले को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन से चर्चा की गई उन्होने ग्रामीणों के लगाए आरोपों को एक सिरे से खारीज कर दिया। साथ ही प्रदर्शन की बात को स्वीकार करते हुए संबंधित अधिकारी व प्रशासन के समझाईश के बाद शनिवार देर शाम आंदोलन स्थगित होने की बात कही।