तीन तलाक लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में पास में भी पास हो गया है. राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े तो वही इस बिल के विरोध में 84 वोट पड़े. जिसके बाद ये बिल राज्यसभा में भी पास हो गया. संसद के दोनों सदनों से बिल को मंजूरी मिलने के बाद अब अब राष्ट्रपति का पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मोहर के बाद ये बिल कानून बन जाएगा. वही इस बिल को लेकर मोदी सरकार की एक खास रणनीति रही. जिसे लेकर सिर्फ अवधारणा बनाई जा सकती है. लेकिन हकीकत क्या है ये बात सिर्फ सरकार और बिल के विरोधी पार्टियों को ही पता है. क्योकि बिल का विरोध करने वाली कई पार्टियां वोटिंग के दौरान सदन से गायब रही. इन पार्टियों के सदन से नॉकआउट ने ही बिल को पास करवाने का रास्ता बनाया. इस तरह नॉकआउट करने वाले इन पार्टियों का राजनीतिक स्वभाव ‘चित भी मेरी और पट भी मेरा’ जैसा रहा. क्योकि ये सभी पार्टियां बिल का भाषण में विरोध करके मुस्लिम समुदाय या बिल के विरोधियों के पक्ष में दिख रही थी. लेकिन वोटिंग के वक्त सदन से गायब होकर इन पार्टियों ने बिल के पक्ष में रही पार्टियों विशेषतौर पर बीजेपी का साथ दिया.