खरगोन. जिले में यूरिया खाद को लेकर किसानों का कोहराम जारी है। एक सप्ताह से रोजाना किसान अलग-अलग क्षेत्रों में प्रदर्शन कर रहे हंै। बुधवार को फिर हंगामेदार हालात बने। उमरखली रोड स्थित विपणन संघ के खाद बिक्री काउंटर पर सैंकड़ों किसान खाद लेने पहुंचे। कई किसान ऐसे थे जिन्हें 7 जुलाई को टोकन दिया, मगर खाद नहीं मिला। सुबह 11 बजे केंद्र खुला तो कर्मचारियों ने कहा- यूरिया नहीं है। दूसरी खाद ले लो, यह सुनकर किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। नारेबाजी शुरु हुई। देखते ही देखते 300 से अधिक किसान किसान वेयरहाउस से बाहर निकले और एक किमी दूर बिस्टान नाका पहुंचे। चित्तौडगढ़-भुसावल नेशनल हाइवे पर धरना देकर चक्काजाम कर दिया। करीब 3 घंटे हाइवे पर आवाजाही बाधित रही।
प्रदर्शन में शामिल बन्हुर के रालया, ताराबावड़ी के विक्रम वास्कले, राहुल वास्कले ने बताया गांव की समितियों में खाद नही है, खुले बाजार में 400 से 500 रुपए में यूरिया बेची जा रही है। सरकारी दर 266 रुपए है। ऐसे में शासन के बिक्री काउंटर पर कतार में लगना मजबूरी है। यहां पहले टोकन और बाद में खाद के लिए कतारों में लगना पड़ रहा है। हमें 7 जुलाई को टोकन दिया, आज आए तो खाद नहीं है बोलकर रवाना कर दिया। किसानों ने आरोप लगाया निजी कृषि केंद्रों में महंगे दामों पर खाद की बिक्री हो रही है। शिकायतों के बावजूद प्रशासन मौन है।
खाद नहीं तो टोकन देकर क्यों देते हैं समय
किसानों ने कहा- जब खाद की कमी है तो चार दिन पहले 300 किसानों को टोकन देकर बुधवार आने का समय क्यों दिया। अभी खेतों में काम चल रहा है। खाद के लिए यहां आते हैं तो दिन टूटता है। यहां बच्चों, महिलाओं को पहुंचाना पड़ता है। यदि व्यवस्था नहीं है तो प्रशासन को झूठे आश्वासन नहीं देने चाहिए।
किसानों के साथ सडक़ पर बैठे अफसर, सुनी समस्या
चक्काजाम की सूचना पर सबसे पहले तहसीलदार दिनेश सोनरतिया, सहायक संचालक कृषि प्रकाश ठाकुर पहुंचे। किसानों ने उनकी एक न सुनी। इसके बाद एसडीएम बीएस कलेश, उप संचालक एसएस राजपुत, एसडीओपी रोहित लखारे, सीसीबी प्रभारी संध्या रोकड़े पहुंची। किसानों से अफसरों ने सडक़ पर बैठकर चर्चा की, मगर किसान तत्काल खाद देने की मांग पर अड़े। किसानों के प्रश्नों का अफसरों के पास कोई जवाब नहीं मिला। वे कहते दिखे कि रैक लगते ही खाद बांटेंगे।
नाराजगी : डीडीए ने मांगी पावती तो भडक़ गए किसान
प्रदर्शन दौरान हंगामेदार हालात तब बने जब किसानों का नेतृत्व कुलदीप से डीडीए ने पूछ लिया तुम कौन हो, कहां से आए हो, पावती दिखाओ। किसान यह सुनकर भडक़ गए। उन्होंने कहा- नकली हम नहीं आपका सिस्टम है। खाद की जरूरत है तो आए हैं। हंगामा बढ़ता इसके पहले डीडीए संभले और कहा- मैं तो यह देख रहा हंू कि किस सोसायटी के किसान हो, वहां खाद की क्या स्थिति है। इसके बाद मामला शांत हुआ। प्रदर्शन के दौरान मौजूद अफसरों के मुंह पर मुस्कान देख किसानों ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा हमारी पीड़ा तुम्हे खुशी दे रही है, इसलिए हंस रहे हो।
साइड इफैक्ट : प्रदर्शन के दौरान वाहन चालक, राहगीर हुए परेशान
प्रदर्शन के दौरान बिस्टान, भगवानपुरा, उमरखली रुट पर जाने वाले वाहनों के पहिए थमे। वाहनों की कतारें लगी। यातायात पुलिस ने वाहनों को अंदरूनी कॉलोनियों के रास्ते डायवर्ट किया। प्रदर्शन के दौरान दो बार एंबुलेंस पहुंची। किसानों ने उठकर उसे रास्ता दिया।