गंजबासौदा से उदयपुर की ओर जाते समय बरेठ के पहले ही यानी मीलों दूर से ये पहाड़ नजर आने लगते हैं। ये इस बात के गवाह होते हैं कि उदयपुर आ गया है। लेकिन सदियों से उदयपुर की पहचान बने इन पहाड़ों पर अब पत्थर के अवैध कारोबारियों की नजर है। कई पहाड़ों की तलहटी से करोड़ों रूपए का पत्थर निकाला जा चुका है। पहाड़ों की तलहटी में बारूद लगा हुआ है। ज्यादा नहीं, बस 8-10 साल का वक्त लगेगा। पत्थर खदानों का तमाशा इसी तरह जारी रहा तो सदियों से क्षेत्र की पहचान बने ये पहाड़, ऐसे कई पहाड़ों पर बने पूजा स्थल और प्राचीन स्मारक भी जमीदोंज हो जाएंगे।
अवैध उत्खनन के बारे में प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी को भेजी गई रिपोर्ट में उत्खनन में शामिल और उनको संरक्षण देने वालों का भी जिक्र है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि बासौदा अवैध उत्खनन और अतिक्रमण से गंभीर रूप से ग्रस्त है। अवैध उत्खनन में न केवल बासौदा के प्रभावशाली व्यक्ति संलिप्त हैं, बल्कि राजनीति के प्रभावशाली लोगों का भी अवैध उत्खननकर्ताओं को संरक्षण प्राप्त है।