शिलालेखों के बारे में पुरातत्वविदों ने दावा किया कि गधे और महिला के बीच संबंध के पीछे किसी भी तरह की कोई रूमानियत नहीं है, जबकि इसके पीछे एक बहुत ही बड़ी सज़ा छिपी हुई है। बता दें कि पुरातत्वविद के मुताबिक सज़ा के तौर पर महिला को एक गधे के साथ संबंध बनाना पड़ता था। पुरातत्वविदों ने बताया कि करीब 1 हज़ार साल पहले राजा की बात नहीं मानने पर कथित आरोपी के परिवार में से किसी महिला को गधे के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाना पड़ता था।
हालांकि पुरातत्वविदों ने कहा कि इसके पीछे का सच क्या है, इसके बारे में कुछ भी बोलना जल्दबाज़ी होगी। इसलिए पुरातत्वविदों ने इस बात पर केवल कल्पना ही की जा सकती है, कि ऐसा हुआ होगा। लेकिन गधेगाल शिलालेख के बारे ये बात पक्की है कि ये 10वीं शताब्दी के महाराष्ट्र में शिलाहार सम्राज्य से संबंधित हैं। साथ ही दूसरी ओर ये शिलालेख इस बात की ओर इशारा भी करते हैं कि उस समय की महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाता होगा।
खबरों के मुताबिक गधेगाल के मुख्य रूप से तीन भाग होते हैं। सबसे पहले और ऊपरी भाग में सूर्य, चंद्रमा और कलश बना है। तो वहीं दूसरे और बीच वाले हिस्से में कुछ लेख लिखे हुए हैं। बल्कि आखिरी और नीचे वाले हिस्से में ही महिला और गधे के संबंधों को दिखाया गया है। जानकारों का मानना है कि उस समय में राजा के आदेशों को अंतहीन माना जाता था। जिसका ताल्लुक सूर्य और चंद्रमा से है, जिसका सीधा तात्पर्य ये है कि जब तक सूरज-चांद रहेगा। तब तक राजा के आदेशों का मानना ही पड़ेगा।