इस बात से तो आप अच्छे से वाकिफ हो ही गए होंगे कि लोग इस बीमारी के फैलने की वजह चमगादड़ ( Bats ) को मान रहे हैं। लेकिन आपको जानकर थोड़ी हैरत होगी कि भारत ( India ) में एक ऐसा गांव है, जहां लोग चमगादड़ों की पूजा ( Worship ) करते हैं।
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यह गांव सरसई (रामपुर रत्नाकर) है जो कि बिहार ( Bihar ) में है। इस गांव के लोगों का मानना है कि ये चमगादड़ उन्हें महामारी से बचाते हैं। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि जिस इलाके में चमगादड़ निवास करते हैं, वहां धन की कोई कमी कभी नहीं होती।
गांव ( Village ) वालों की एक मान्यता ये भी है कि इस इलाके में निवास करने वाले चमगादड़ ( Bats ) उनके पूरे गांव की रक्षा करते हैं। यहां तक कि अगर गांव में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले लोग चमगादड़ों की पूजा करते हैं, ताकि सब कार्य अच्छे से सम्पन्न हो जाए।
इस गांव ( Village ) में सैकड़ों की संख्या में ये चमगादड़ ( Bats ) एक तालाब के किनारे पीपल के पेड़ के नजदीक ही रहते हैं। गांव वालों के दावे के मुताबिक अगर रात ( Night ) में कोई दूसरा व्यक्ति इस गांव में आता है तो ये चमगादड़ शोर मचाने लगते हैं।
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सरसई में ये चमगादड़ कब से रह रहे हैं इसके बारे में किसी को कुछ मालूम नहीं। लेकिन एक कहानी के मुताबिक मध्यकाल में एक बार वैशाली में महामारी फैली थी, तब ये चमगादड़ कहीं से उड़कर यहां आ गए और फिर हमेशा के लिए यहीं बस गए, तब से लेकर आज तक यहां कोई महामारी नहीं फैली।