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अजब गजब

इस चूहे ने किया बहादुरी का काम, ‘गोल्ड मेडल’ से किया सम्मानित

आपने अभी तक बेहतरीन काम करने लोगों को गोल्ड मेडल हासिल करते तो खूब देखा होगा। किसी को पढ़ाई के लिए तो कभी किसी को खास क्षेत्र में विशिष्ट प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाता है। इसके साथ ही लोगों को उनकी बहादुरी के लिए भी यह पुरस्कार दिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी किसी चूहे को गोल्ड मेडल लेते देखा है।

मुंबईSep 26, 2020 / 07:38 pm

Shaitan Prajapat

rat mangwa

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आपने अभी तक बेहतरीन काम करने लोगों को गोल्ड मेडल हासिल करते तो खूब देखा होगा। किसी को पढ़ाई के लिए तो कभी किसी को खास क्षेत्र में विशिष्ट प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाता है। इसके साथ ही लोगों को उनकी बहादुरी के लिए भी यह पुरस्कार दिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी किसी चूहे को गोल्ड मेडल लेते देखा है। यह पढ़कर भले ही आपको अजीब लगे लेकिन एक चूहे को वीरता पुरस्कार दिया गया है।

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हजारों लोगों की बचाई जान
यह अनोखी खबर ब्रिेटेन से सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि अफ्रीकी नस्ल के एक विशाल चूहे को लोगों की जान बचाने के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है। इस चूहे ने कंबोडिया में अपने सूंघने की क्षमता से 39 बारूदी सुरंगों का पता लगाया था। बताया जा रहा है कि अपने काम के दौरान इस चूहे ने 28 जिंदा विस्फोटकों का भी पता लगाकर हजारों लोगों की जान बचाई है। इस जाइंट पाउच्ड चूहे का नाम ‘मागावा’ है।

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ब्रिटेन की चैरिटी संस्था ने किया सम्मानित
ब्रिटेन की चैरिटी संस्था पीडीएसए ने इस चूहे की ‘बहादुरी और कर्तव्य के प्रति समर्पण’ के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया है। मागावा को इस काम के लिए चैरिटी संस्था एपीओपीओ ने प्रशिक्षित किया था। इस चैरिटी ने बताया कि मागावा ने अपने काम से कंबोडिया में 20 फुटबॉल मैदानों (141,000 वर्ग मीटर) के बराबर के क्षेत्र को बारूदी सुरंगों और विस्फोटकों से मुक्त किया है। इन चूहों को चैरिटी संस्था एपीओपीओ ट्रेंड करती है। यह संस्था बेल्जियम में रजिस्टर्ड है और अफ्रीकी देश तंजानिया में काम करती है।

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सम्मानित होने वाला पहला चूहा
मागावा का वजन 1.2 किलो है। बारूदी सुरंगों के ऊपर से चलने के समय भी इसके वजन से विस्फोट नहीं होता है। यह इतना प्रशिक्षित है कि केवल 30 मिनट में एक टेनिस कोर्ट के बराबर एरिया को सूंघकर जांच कर सकता है। इस अवॉर्ड से अभी तक 30 जानवरों को सम्मानित किया जा चुका है। इसमें मगावा पहला चूहा है। मगावा को हीरो रैट के खिताब से भी नवाजा गया है। मगावा ने अपने सात साल के कार्यकाल में कई दर्जनों लैंडमाइंस का पता लगाया और उन्हें नष्ट किया।

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