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तेज उड़ान भरती है 2.5 सेमी चौड़ी यह तितली
बटरफ्लाई शोध संस्थान के निदेशक पीटर स्मेटाचौक ने बताया कि तेज गति से उड़ान भरने वाली इस तितली की चौड़ाई मात्र 2.5 सेंटीमीटर होती है। इस तितली को वर्ष 1888 में पाकिस्तान के अटौक शहर में देखा गया था। उस समय इस शहर का नाम कैंप बैलपुर था। वे बताते हैं कि वर्ष 2016 में पाकिस्तान की पुस्तक बटरफ्लाई आफ पाकिस्तान में भी इसके बारे में जिक्र है। मुकेश पंवार द्वारा खोजी गई इसी तितली की विस्तृत जानकारी को संस्थान की मैगजीन बायोनोट्स के 28 सितंबर के अंक में प्रकाशित भी किया गया है।
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111 प्रजातियों की तितलियां पहचान चुके
मुकेश पंवार कहा कहना है कि वह अब तक राजस्थान में 111 प्रजातियों की तितलियों को देख और पहचान चुके हैं। मुकेश इनमें से तितलियों की 82 प्रजातियों के जीवनचक्र का अध्ययन कर चुके हैं। इन तितलियों के जीवनचक्र की हर तस्वीर इनके पास है। मुकेश पंवार की पहल पर ही वन विभाग, राजपूताना सोसायटी आफ नेचुरल हिस्ट्री की ओर से 24 फरवरी 2018 को राजस्थान राज्य का पहला बटरफ्लाई फेस्टिवल भी सागवाड़ा में ही आयोजित किया गया था। बिग बटरफ्लाई मंथ में मुकेश पंवार की इस उपलब्धि के साथ ही टाइगर वॉच के फील्ड बॉयोलोजिस्ट डॉ. धर्मेन्द्र खण्डाल एवं उदयपुर के पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. सतीश शर्मा द्वारा रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र के बाहरी भाग में दक्खन ट्राई कलर पाइड फ्लेट तथा स्पॉटेड स्माल फ्लेट नामक दो नई तितलियों की खोज पर क्षेत्र के पर्यावरणप्रेमियों ने हर्ष व्यक्त किया है।