
5 Common Cancer in Women: भारतीय महिलाओं में आमतौर पर स्तन, गर्भाशय, कोलोरेक्टल, अंडाशय और मुंह के कैंसर के मामले अधिक पाए जाते हैं। ग्रामीण महिलाओं की तुलना में शहरी महिलाओं को कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है। तनाव, दौड़-भाग भरी जिंदगी की वजह से महिलाओं के शरीर में रक्त कोशिकाओं में गांठ पैदा होती है, जो बाद में जाकर कई तरह के रोगों का कारण बनती है। आईए जानते हैं महिलाओं में होने वाले पांच कैंसर कौन से हैं और उसके लक्षण क्या है, फिर भी ब्रेस्ट कैंसर भारतीय महिलाओं में पाए जाने वाला सबसे आम कैंसर है।
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)
शहरी महिलाओं में यह कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है। ग्रामीण महिलाओं में यह दूसरा सामान्य तौर पर पाया जाने वाला कैंसर है। आजकल कम उम्र में ही स्तन कैंसर के मामले सामने आने लगे हैं। वैसे 30-60 साल की उम्र में स्तन कैंसर पाया जाता है। अगर आप 40 की उम्र के बाद ऐसी कोई गांठ अनुभव करती हैं जिसमें दर्द नहीं हो रहा है तब भी उसकी जांच जरूर करवाएं।
लक्षण- दूध जैसा सफेद पदार्थ या खून आना, स्तन की त्वचा पर नारंगी रंग का स्पॉट दिखाई देना। कोई गांठ, अग्रभाग का धंसा हुआ होना, स्तन के आकार में बदलाव होना, स्तन के आस पास छोटी गांठें नजर आना।
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)
यह ह्यूमन पैपिलोमा नामक वायरस से होता है जो यौन संबंध से फैलता है। यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होता है, जो गर्भाशय का सबसे निचला हिस्सा है। यहां से यह कैंसर धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता है, इसके लिए जरूरी है कि शारीरिक संबंध बनाते वक्त आपको कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इसका संक्रमण सेक्सुअल रिलेशनशिप बनाते वक्त ट्रांसफर होता है।
लक्षण- रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव होना, सामान्य से अधिक रक्तस्राव, असामान्य डिस्चार्ज चेतावनी के संकेत हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर
महिलाओं में यह तीसरा सबसे आम कैंसर है। यह बड़ी आंत को प्रभावित करता है। अधिकतर मामलों में इसकी शुरुआत कोशिकाओं के नॉन कैंसरस ट्यूमर के रूप में होती है जिसे नजरअंदाज किया जाए तो यह कैंसर बन सकता है। इस कैंसर के मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, वेट गेन, गलत खानपान और शराब का ज्यादा सेवन करना है।
लक्षण- डायरिया या कब्ज़ समेत पेट सम्बंधित परेशानी सेना, चार हफ्ते से अधिक समय तक मल में बदलाव, मलद्वार से खून आना, पेट में दर्द रहना, वज़न घटना और कमजोरी या थकान।
ओवेरियन कैंसर
अंडाशय या ओवेरियन कैंसर 30 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं में अधिक होता है। जिनके परिवार में पेट, अंडाशय, स्तन या गर्भाशय के कैंसर का कोई इतिहास रहा हो उनमें इस कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। ये काफी हद तक हेरिडिटी पर निर्भर है।
लक्षण- पेल्विस (पेडू) या पेट के निचले हिस्से में दर्द, अपच, बार-बार पेशाब आना, भूख न लगना, पेट में सूजन और फूलना।
मुंह का कैंसर
मुंह का कैंसर महिलाओं को भी उतना ही प्रभावित करता है जितना पुरूषों को। इसके प्रमुख कारण तम्बाकू या शराब का अधिक सेवन, ओरल हाइजीन का ख्याल नहीं रखना है।
सेवन है।
लक्षण- मुंह में लाल या सफेद निशान, गांठ बनना, होंठों या मसूड़ों में खराबी, सांस में बदबू की समस्या, दांतों का कमजोर होना और वजन बेहद कम होना। इनमें से कोई भी लक्षण के पाए जाने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Published on:
27 Feb 2024 02:32 pm
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