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ऐसे करें घर की सजावट, बिना खर्चे के घर खूबसूरत और भाग्यशाली बन जाएगा

यहां ऐसे कुछ टिप्स है, जिससे हम अपने छोटे-से घर को भी खुबसुरत बना सकते हैं।

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Sunil Sharma

Feb 02, 2018

home decoration tips in hindi

home decoration tips in hindi

- रितुप्रिया शर्मा

घर हमारे सपनों का छोटा-सा संसार होता है। हम सभी अपने घर की सजावट और सुन्दरता के लिए आतुर रहते हैं। घर के सौन्दर्य का दूसरों पर ही नहीं अपितु स्वयं के मन पर भी प्रभाव पड़ता है। ये आवश्यक नहीं की गृह- सज्जा केवल बड़े व आलिशान मकानों में ही होती है। यहां ऐसे कुछ टिप्स है, जिससे हम अपने छोटे-से घर को भी खुबसुरत बना सकते हैं। घर का सबसे प्रमुख हिस्सा हमारे घर का ड्राइंग रूम होता है। बैठक का ये हिस्सा सबसे आकर्षक होना चाहिए। शुरूआत हम दीवारों के रंग से करते हैं।

अमूमन मध्यवर्गीय परिवारों के ड्राइंग रूम छोटे होते हैं। अतः दीवारों का रंग संयोजन हल्के रंग का होना चाहिए। चाहे तो चारों तरफ एक रंग या आमने-सामने की दीवारों पर एक तथा दूसरी आमने-सामने की दीवार पर उसी रंग के गहरे शेड का प्रयोग सुखद लग सकता है। रंग के अनुसार ही प्रकाश की व्यवस्था भी होनी चाहिए। हल्के रंग की दीवार पर रोशनी कुछ इस तरह से व्यवस्थित हो की दीवार खुबसुरत लगे। इसके बाद कमरे में परदों की व्यवस्था करनी चाहिए। दीवार के रंग के संयोजन के हिसाब से हमें परदों का चयन करना चाहिए। झीने तथा रेशमी परदे खुबसुरत लगते हैं। चाहें तो इनका प्रयोग किया जा सकता है।

कमरे का फर्नीचर भी कमरे के आकार-प्रकार के अनुसार होना चाहिए। आजकल वुडन के साथ लैदर और आयरन का प्रचलन जोरों पर है। ऐसा फर्नीचर रॉयल दिखने के साथ-साथ टिकाऊ भी होता है, खासकर यदि आपके छोटे बच्चे हैं। सेन्टर टेबल व साइड टेबल दोनों को ही लकड़ी तथा शीशे के शानदार प्रयोग से आकर्षक बनाया जा सकता है। साइड टेबल पर टेलीफोन जैसी उपयोगी चीज का प्रयोग किया जाना चाहिए। अगर कमरा थोड़ा बड़ा है, तो दीवान का प्रयोग काफी उपयोगी है। इससे न केवल बैठने की जगह बढ़ती है अपितु कमरे का सौन्दर्य भी बढ़ता है।

कमरे में अधिक से अधिक पौधे जैसे इन्डोर प्लान्ट्स एवं बोनसाई का प्रयोग कमरे को आकर्षक बनाता है। एक्वेरियम का प्रयोग घर की समृद्धि बढ़ाने के साथ-साथ कमरे को सौन्दर्य भी प्रदान करता है। बशर्ते इसे साफ रखा जाए। इसी तरह एक साधारण ड्राइंग रूम एक खुबसुरत ड्राइंग रूम में तब्दील हो सकता है। अब बारी आती है डाइनिंग रूम की। डाइनिंग रूम को एक रॉयल लुक देने के लिए रूम में बनी अलमारियों पर शीशे का प्रयोग तथा उसमें बेहतरीन क्राकरी रखना एक शानदार प्रयोग साबित हो सकता है। डाइनिंग टेबल के ठीक ऊपर एक खुबसुरत झुमर, अलमारियों में क्रॉकरी के साथ सुन्दर लाइटिंग बेहद अच्छा विचार है। डाइनिंग टेबल में आजकल वुडन-काँच या वुडन-मार्बल तथा खुबसुरत कुर्सीयाँ जिसमें डाइनिंग टेबल एवं कुर्सीयों दोनों में ही स्टील का प्रयोग प्रचलन में है।

इसके अलावा हम ड्राइंग व डाइनिंग दोनों ही की दीवारों को तस्वीरों, फोटो-फ्रेम आदि से सजा सकते हैं। ड्राइंग व डाइनिंग दोनों के बाद किचन एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। किचन में भी उजाले की व्यवस्था के हिसाब से दीवारों के रंग पर ध्यान देना जरूरी है। टाइल्स का प्रयोग सीलन से बचत व रसोई की सुन्दरता के लिए आवश्यक है। किचन में मार्बल, ग्रेनाइट पत्थर की पट्टीयों का प्रयोग चलन में है, इसके अतिरिक्त लकड़ी के सुन्दर केबिनेट लगाए जा सकते हैं। किचन में अगर जगह हो तो लकड़ी या दीवार में ही सुन्दर डिजाइन का पूजा-घर बनाया जा सकता है।

अब बारी आती है, बैडरूम की। बैडरूम में कलर हमेशा लाइट रहना चाहिए ताकि सुकुन से सोया जा सके। टी.वी. बैड से थोड़ी दूरी पर लगाना चाहिए। बैडरूम की साइज के अनुरूप होना चाहिए। अगर बैड के साइड में जगह हो तो एक टेबल लगाई जा सकती है, जिस पर फोन, डायरी आदि जरूरी चीजें रखी जा सकती है। अलमारी दीवार के कोने में होनी चाहिए तथा ड्रेसिंग टेबल ऐसी होनी चाहिए जो खुबसुरत होने के साथ-साथ जगह भी कम रोके। इसके अलावा दीवारों को फैमिली फोटोग्राफ से सजाया जा सकता है। अगर कमरा थोड़ा बड़ा है तो छोटा सोफा रखा जा सकता है।

इन सबके बाद, बच्चों के कमरे की बारी आती है। बच्चों को चटख रंग जैसे लाल, पीला व नीला बहुत पसन्द होता है। बच्चों के कमरे की छत को नीले रंग से रंगना अच्छा रहता है। अन्य दीवारों पर उनकी पसन्द से लाल, गुलाबी, पीला रंग किया जा सकता है। छत पर बाजार में मिलने वाले चाँद-सितारे जो रात में चमकते हैं, का प्रयोग काफी अच्छा लगता है। बच्चों के पढ़ने के लिए सुन्दर टेबल-कुर्सी व बुक रखने के लिए शेल्फ बच्चों के कमरे की प्रथम आवश्यकता है। काफी छोटे बच्चों के लिए बैड थोड़ा नीचा बनवाना चाहिए। इसके अलावा बच्चों के कमरे को उनके खिलौनो, परिवार की तस्वीरों आदि से सजाया जा सकता है। सिढी़यों के हिस्से को बेल व प्लान्ट्स से सजाया जाना जरूरी है। वरना वहाँ खालीपन नजर आयेगा।

बाहर का लॉन, बरामदा सभी को साफ रखना जरूरी है। बालकनी को भी प्लान्ट्स व बेलों से सजाया जाना अच्छा लगता है। समय-समय पर घर की देख-रेख व उसमें कुछ थोड़े बहुत बदलाव से हम जहाँ अपने घर में नयापन ला सकते हैं, वहीं हम उसकी खुबसुरती का अहसास कर सकते हैं। घर में चाहे सामान कम हो, पर खूब खिड़कियाँ, पेड़ों व इन्डोर प्लान्ट्स को लगाकर अच्छी फ्लोरिंग के द्वारा हम घर को खुबसुरत बना सकते हैं। घर को आकर्षक बनाने पर न केवल उसमें रहने वाले अच्छा महसुस करते हैं बल्कि वह घर सभी को शान्ति व सुकुन का अनुभव भी देता है। अतः घर को सुन्दर व आकर्षक बनाकर हम अपने जीवन में बदलाव की शुरूआत कर सकते हैं।