28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मोटिवेशन : अपने आलोचकों को करीब रखें

कोई भी व्यक्ति आलोचना पसंद नहीं करता है पर कुछ लोग आलोचना को दूसरों से बेहतर तरीके से हैंडल करते हैं।

2 min read
Google source verification

image

Amanpreet Kaur

Apr 28, 2018

success

success

कोई भी व्यक्ति आलोचना पसंद नहीं करता है पर कुछ लोग आलोचना को दूसरों से बेहतर तरीके से हैंडल करते हैं। फिर चाहे आलोचना दोस्तों, टीचर, परिवार के सदस्यों ने की हो, वे इसे पर्सनल अटैक मानने के बजाय अपनी गलतियां सुधारने और सीखने का एक मौका मानते हैं। कोई भी आपकी आलोचना करे, इस बारे में चिंता न करें कि दूसरे आपके बारे में क्या विचार करेंगे। आपको तो अपना बेस्ट आउटपुट देना है।

अवेयरनेस बढ़ती है

अध्यापक, माता-पिता और दोस्त अक्सर आपकी आलोचना करते हैं। इससे आप अपनी गलतियों में सुधार कर पाते हैं। अगर कोई व्यक्ति आपको आपकी गलतियों के बारे में बताए तो अवेयर हो जाएं और खुद में सुधार करें। फ्लिपकार्ट के संस्थापक सचिन बंसल कहते हैं कि आमतौर पर आलोचना आपके लिए लाभदायक होती है।

आप अच्छे श्रोता बन पाते हैं

जब आप किसी व्यक्ति की आलोचना को धैर्यपूर्वक सुनते हैं तो इससे आपको अच्छा श्रोता बनने में मदद मिलती है। इससे आप सामने वाले व्यक्ति के नजरिये का विश्लेषण करते हैं और अलग-अलग एंगल से बात को समझने का प्रयास करते हैं। इससे आपको नई बातें सीखने का मौका मिलता है। इससे जीवन में बदलाव आता है।

विनम्रता बढ़ती है

रचनात्मक आलोचना के कारण आपको अपने अंदर झांकने का मौका मिलता है। आपको महसूस होता है कि दुनिया में कितने प्रकार के विचार मौजूद हैं। इससे आप अपनी कमजोरियों के बारे में जान पाते हैं और उन्हें अपनी ताकत में बदलने का प्रयास शुरू कर देते हैं। जब कोई व्यक्ति आपके भले के लिए आलोचना करता है तो आपके अंदर विनम्रता बढऩे लगती है और आप पॉजिटिव इंसान बनते जाते हैं।

क्षमा करना सीखते हैं

जब आप किसी व्यक्ति की आलोचना को सकारात्मक तरीके से लेते हैं तो आप उसके बारे में बुरा विचार नहीं करते, बल्कि आपके अंदर क्षमा का भाव पैदा होने लगता है। इस एक्टिविटी से आपका अहंकार पूरी तरह से खत्म होता है। इससे आप सामने वाले व्यक्ति के नजरिये को खुले मन से स्वीकार करना सीख जाते हैं। आलोचना स्वीकार वाकई चमत्कारिक है।

चीजों को अलग तरह से देखते हैं

कभी-कभी हमें लगता है कि हम जो भी कर रहे हैं, वह बेस्ट है। हम अपने नजरिये से ही चीजों को देखने का कोशिश करते हैं। आलोचना से हमारा नजरिया बदल सकता है। दूसरों के सुझाव और विचारों के कारण अलग नजरिये से चीजों को देखने का प्रयास करते हैं। इससे काफी फायदा होता है।

रक्षात्मक बनने की आदत छूटेगी

आलोचना सिखाती है कि आपको खुद को सही साबित करने के लिए कभी रक्षात्मक नहीं बनना चाहिए। रक्षात्मक बनने के चक्कर में आप अपने दोस्तों से कुतर्क करते हैं और लड़ाई कर बैठते हैं। अगर आपकी आलोचना होती है तो आप खुद को और बेहतर बनाने की दिशा में पूरी ऊर्जा से जुट जाते हैं।

याद दिलाएगा कि परेफक्ट नहीं हो

क्या आप खुद को जमीन से जुड़ा हुआ व्यक्ति मानते हैं? तो आपको हर व्यक्ति की आलोचना को स्वीकार करनी चाहिए। आलोचना आपको हवा में उडऩे नहीं देती। आपको नियमित रूप से अपने प्रियजनों से फीडबैक लेना चाहिए। इससे आपके आत्मविश्वास का संतुलन बना रहता है।