
woman
दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, एक जो केवल अपने बारे में सोचते हैं और दूसरे जो हमेशा दूसरों के लिए जीते हैं। दूसरों के लिए जीने वालों को हमेशा ही बेहतर इंसान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन अगर दूसरों के लिए जीने के साथ साथ थोड़ा खुद के लिए भी जी लिया जाए तो इसे खुदगर्जी नहीं कहा जाएगा। खासकर यह बात महिलाओं पर लागू होती है। तुम्हारा कौन सा सपना अधूरा है? खुद के बारे में क्यों नहीं सोचती? ऐसे कई सवाल हंै जिसे आजतक किसी ने आपसे न पूछा हो, लेकिन आज खुद से इन सवालों का जवाब मांग कर जीवन को नई दिशा दे सकती हैं।
लिखने की आदत डालें
कई ऐसी बातें हैं जिसे आप दूसरों से शेयर नहीं कर पातीं। इस वजह से अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं। कभी खुद को कोसती हैं तो कभी परिस्थिति को। ऐसा करने से बचें। जब भी वक्त मिलें अपने दिन भर के दिनचर्या के बारे में एक डायरी में लिखें। लिखने के लिए आपका लेखक होना जरूरी नहीं। आप आम बोलचाल की भाषा में अपने अनुभव लिख सकती हैं। यकीन मानिए कुछ दिन तक लगातार लिखने के बाद दिल का बोझ कम होगा और लिखने के तरीके में भी सुधार होगा।
खुद के लिए निकालें वक्त
घर-परिवार, ऑफिस की जिम्मेदारी के साथ खुद के लिए भी वक्त निकालें। वॉक पर जाएं, म्यूजिक सुनें, अपनी पसंद का खाना बनाएं, शॉपिंग करें, सिनेमा देखें, डांस सीखें। कहने का मतलब जो मन में आएं नि.संकोच करें। इससे एक नई ऊर्जा मिलेगी।
चैलेंज दें
अपने जीवन की सच्चाई जानने के लिए खुद को समय-समय पर चैलेंज देते रहना बेहद जरूरी है। कभी खुद को एक अन्य भारतीय भाषा सिखने का चैलेंज दे, तो कभी एक डांस। ऐसा करना बेहद दिलचस्प रहेगा। वहीं इरादों को मजबूत बनाने के लिए एक लिस्ट बना सकती हैं। इसमें वो तमाम चीजें लिखें जिसे आप एक समय पूरा करना चाहती थीं। हो सकता है कि इन्हीं वजहों से आपके जीवन को एक नया लक्ष्य मिल जाएं।
Published on:
09 Mar 2018 10:47 am
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